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Winter Session: 'कोरी कल्पना नहीं, हकीकत है आर्थिक बुनियाद की मजबूती', राज्यसभा में बोलीं निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले नौ सालों के दौरान हुई आर्थिक बढ़ोतरी के आंकड़े इस बात को दर्शा रहे हैं कि आर्थिक बुनियाद की मजबूती एक हकीकत है और यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ऑस्ट्रेलिया कनाडा व यूरो जोन में जहां मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (PMI) में लगातार गिरावट हो रही है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 07 Dec 2023 09:13 PM (IST)
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राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो: एएनआई)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले नौ सालों के दौरान हुई आर्थिक बढ़ोतरी के आंकड़े इस बात को दर्शा रहे हैं कि आर्थिक बुनियाद की मजबूती एक हकीकत है और यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। पिछले आठ सालों में हमारी अर्थव्यवस्था 10वें नंबर से पांचवें नंबर पर आ गई।

उन्होंने कहा कि सरकारी स्कीम व प्रयासों की मदद से खाद्य उत्पादन, प्रति व्यक्ति आय, बिजली उत्पादन, फार्मा, उत्पादन, स्टार्टअप, ग्रामीण सड़क व आवास, हर घर जल, गैस कनेक्शन, वित्तीय समावेश, किसान व महिला उत्थान जैसे तमाम क्षेत्रों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई, जबकि यूपीए के शासन काल में नाम के वास्ते तो कई स्कीम चलाई गई, लेकिन उसका परिणाम धरातल पर नहीं दिखा। तभी देश आज दुनिया में सबसे तेज गति से विकास कर रहा है। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 7.6 प्रतिशत के साथ हमारी विकास दर सबसे अधिक रही, जबकि जर्मनी व जापान जैसी दुनिया की तीसरी व चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में क्रमश: 4.5 व 2.1 प्रतिशत की गिरावट रही।

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वित्त मंत्री सीतारमण ने क्या कुछ कहा?

पिछले तीन दिनों से राज्यसभा में देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा चल रही थी और गुरुवार को वित्त मंत्री ने आखिर में विभिन्न पार्टियों के सांसदों के तमाम सवालों का जवाब दिया। सीतारमण ने कहा कि हम सिर्फ सर्विस सेक्टर में ही विकास नहीं कर रहे हैं बल्कि मेक इन इंडिया से लेकर प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की बदौलत मैन्यूफैक्चरिंग का योगदान भी हमारे विकास में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा,

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा व यूरो जोन में जहां मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (PMI) में लगातार गिरावट हो रही है, वहीं पिछले 29 महीनों से भारत का मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई 50 से ऊपर है, जो इसके विस्तार को दर्शाता है। चीन का मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई भी भारत से कम है।

सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 13-14 में प्रति व्यक्ति आय 1,438 डॉलर थी, जो वित्त वर्ष 22-23 में बढ़कर 2,389 डॉलर हो चुकी है। डीमैट खाता 13 करोड़ से अधिक हो गया है। म्युचुअल फंड में निवेश पिछले 10 सालों में पांच गुना बढ़ा है। किसान सम्मान निधि के तहत 11 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। वर्ष 2008 में जन औषधि के सिर्फ 80 केंद्र थे जिसे वर्ष 2023 तक बढ़ाकर 10,000 कर दिया गया।

महंगाई पर भी करारा जवाब

विपक्ष के सांसदों की तरफ से महंगाई पर उठाए गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर 22-23 के बीच औसत महंगाई दर 5.5 प्रतिशत रही, जबकि 2009-14 तक औसत महंगाई दर 10.4 प्रतिशत थी। बेरोजगारी दर वित्त वर्ष 2017-18 में 17 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 22-23 में घटकर 10 प्रतिशत हो गई। वित्त वर्ष 2017-18 में काम करने वाली औसत आबादी 46.8 प्रतिशत थी, जो वर्ष 22-23 में 56 प्रतिशत हो गई।

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रुपए के मूल्य में डॉलर के मुकाबले आई गिरावट के जवाब में उन्होंने कहा कि इस साल रुपए के मूल्य में सिर्फ एक प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि चीन की करेंसी युआन में तीन प्रतिशत से अधिक तो दक्षिण अफ्रीका की करेंसी रांड में 11 प्रतिशत की गिरावट रही।

किसान, युवा, महिला व गरीब सरकार की प्राथमिकता

वित्त मंत्री ने कहा कि किसान, युवा, महिला व गरीब ये चारों सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं और इनपर सरकार का फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों में इन चारों को ध्यान में रखते हुए विकास का कार्यक्रम चलाया गया और उसका फायदा हमें वोट के रूप में मिला। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री इनके लिए जमीनी रूप से काम करते हैं और इसका हमें लाभ मिला है।