भारतीय मानक समय को अनिवार्य रूप से अपनाने के लिए जल्द आएगी नीति, सरकार बना रही योजना
अधिकारी ने कहा इस नीति से यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि दूरसंचार सेवाप्रदाता बैंक इंटरनेट सेवाप्रदाता बिजली ग्रिड शेयर बाजार जैसी संस्थाएं आईएसटी को अपनाएं। वर्तमान में सभी दूरसंचार और इंटरनेट सेवाओं को आईएसटी को अनिवार्य रूप से नहीं अपनाया जा रहा है।
नई दिल्ली, पीटीआई। सरकार देशभर में भारतीय मानक समय (आईएसटी) को अनिवार्य रूप से अपनाने के लिए एक व्यापक नीति लाने की योजना बना रही है। उपभोक्ता मामलों के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि इस पहल का मकसद सभी नेटवर्क और कंप्यूटर का आईएसटी के साथ सामंजस्य सुनिश्चित करना है।
योजना का उद्देश्य
अधिकारी ने कहा इस नीति से यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि दूरसंचार सेवाप्रदाता, बैंक, इंटरनेट सेवाप्रदाता, बिजली ग्रिड, शेयर बाजार जैसी संस्थाएं आईएसटी को अपनाएं। वर्तमान में, सभी दूरसंचार और इंटरनेट सेवाओं को आईएसटी को अनिवार्य रूप से नहीं अपनाया जा रहा है। वे वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) जैसे अन्य स्रोतों से जुड़े सर्वर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
आपको बता दें कि उपभोक्ता मामलों का विभाग (DoCA) पहले से ही राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ समन्वय में एक परियोजना पर काम कर रहा है, जिससे IST के लिए सटीक समय का पता लगाया जा सके और उसका प्रसार किया जा सके।
अधिकारी ने दी जानकारी
अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि मंत्रालय लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009 के तहत 'आईएसटी को अनिवार्य रूप से अपनाने' के लिए एक व्यापक नीति और मानकों की रूपरेखा तैयार करने की भी योजना बना रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में विस्तृत मूल्यांकन करने के लिए क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों का अध्ययन करने और परियोजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सलाहकार नियुक्त किया जाएगा।
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