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असम में तेजी से बढ़ी गैंडों की आबादी, छह दशक में पांच गुना की वृद्धि; शिकार में आई 86% की गिरावट

Assam असम में गैंडों की आबादी पिछले कुछ दशकों में तेजी से बढ़ी है। असम सरकार ने इसे लेकर जो आंकड़े जारी किए हैं वे बताते हैं कि राज्य में 1960 के दशक से लेकर अब तक इनकी आबादी लगभग पांच गुना बढ़ गई है। जहां 1960 में इनकी संख्या 600 के करीब थी तो वही अब बढ़कर लगभग 3000 के करीब पहुंच गई है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 23 Sep 2024 05:22 PM (IST)
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असम में वर्तमान में 3,000 से अधिक गैंडे हैं। (File Image)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम में गैंडों की आबादी को लेकर सरकार ने सुखद आकंड़े बताए हैं, जिसके अनुसार राज्य में लगभग छह दशकों में एक सींग वाले गैंडों की आबादी पांच गुना बढ़ गई है। असम सरकार ने रविवार को विश्व राइनो दिवस के अवसर पर आंकड़े जारी करते हुए बताया कि राज्य में वर्तमान में 3,000 से अधिक गैंडे हैं।

वहीं 1960 के दशक में इनकी आबादी लगभग 600 थी। बता दें कि IUCN की लाल सूची में इन गैंडों को "असुरक्षित" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल गैंडों की आबादी में से 80% असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में, 4% ओरंग राष्ट्रीय उद्यान में, 3% पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में और 1% मानस राष्ट्रीय उद्यान में रहते हैं।

मुख्यमंत्री ने संरक्षण उपायों को दिया श्रेय 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गैंडों की बढ़ती आबादी पर खुशी जाहिर करते हुए इसका श्रेय सरकार की विभिन्न संरक्षण पहलों को दिया। सरमा ने एक्स पर लिखा, 'गैंडे असम की पहचान के पर्याय हैं। वे हमारा गौरव और हमारी जैव विविधता का मुकुटमणि हैं। जब से हमने पदभार संभाला है, हमने इस बेशकीमती प्रजाति की रक्षा, इसके आवास का विस्तार और इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं।'

सीएम हिमंत ने कहा कि ओरंग नेशनल पार्क में 200.7 वर्ग किमी और बुराचपोरी वन्यजीव अभयारण्य में 195 वर्ग किमी जोड़ा गया है। इसके अलावा, लाओखोवा-बुराचपोरी परिसर में 12.8 वर्ग किमी गैंडे के आवास को बहाल और अतिक्रमण से मुक्त किया गया है, जिससे गैंडों की वापसी में सुविधा हुई है।

स्थानीय समुदायों का भी योगदान

सरमा ने प्रजातियों को अवैध शिकार से बचाने के लिए सरकार और स्थानीय समुदायों के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। सरमा ने एक्स पर लिखा, 'असम के गैंडे पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हैं। 2016 में डबल इंजन सरकार के सत्ता में आने के बाद से अवैध शिकार में 86% की गिरावट आई है।'