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India-Canada Row: 'कनाडा में भारत विरोधी तत्वों को मिल रहा स्थान मूल मुद्दा', ट्रूडो के बयान के बाद बोले अरिंदम बागची

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने एक बार फिर गुरुवार को जोर देकर कहा कि कनाडा में अलगाववादियों आतंकियों और भारत विरोधी तत्वों को मिल रहा स्थान (स्पेस) उस देश के साथ मूल मुद्दा है। बागची ने कहा कि हम उम्मीद करेंगे कि वे ऐसे चरमपंथी तत्वों पर कार्रवाई करेंगे जो उनके देश में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं।

By Agency Edited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 21 Dec 2023 11:54 PM (IST)
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर गुरुवार को जोर देकर कहा कि कनाडा में अलगाववादियों, आतंकियों और भारत विरोधी तत्वों को मिल रहा स्थान (स्पेस) उस देश के साथ मूल मुद्दा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की यह टिप्पणी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका में एक भारतीय नागरिक पर हत्या के प्रयास की साजिश रचने का आरोप लगने के बाद कनाडा के साथ भारत के संबंधों में 'महत्वपूर्ण बदलाव' आया है।

क्या कुछ बोले अरिंदम बागची?

बागची ने कहा कि हमारा रुख लगातार एक जैसा रहा है। हमने इस बात को रेखांकित किया है कि हम समस्या को कैसे देखते हैं और स्पष्ट रूप से मुख्य मुद्दा उस देश में चरमपंथियों, आतंकियों और भारत विरोधी तत्वों को दी जाने वाली जगह है। उन्होंने ट्रूडो की टिप्पणियों पर सीधी टिप्पणी नहीं की। बागची ने कहा,

मैं यह नहीं कहना चाहूंगा कि उन्होंने कोई बदलाव देखा है या नहीं। निश्चित रूप से हमारा रुख लगातार एक जैसा बना हुआ है और हम उम्मीद करेंगे कि वे ऐसे चरमपंथी तत्वों पर कार्रवाई करेंगे, जो उनके देश में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं।

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ट्रूडो ने एक साक्षात्कार में कहा कि एक समझ की शुरुआत हुई है कि वे इसके जरिये अपना रास्ता नहीं बिगाड़ सकते और इस तरह सहयोग करने के लिए एक खुलापन है, शायद पहले वे कम खुले थे। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिकी अभियोग ने भारत सरकार को अधिक शांत रुख अपनाने के लिए राजी कर लिया है। ट्रूडो ने कहा,

ऐसी समझ है कि शायद सिर्फ कनाडा के विरुद्ध हमले करने से यह समस्या दूर होने वाली नहीं है। हम अभी इस पर भारत के साथ लड़ाई नहीं चाहते।

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उन्होंने कहा कि हम व्यापार समझौते पर काम करना चाहते हैं। हम हिंद-प्रशांत रणनीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन लोगों के अधिकारों, लोगों की सुरक्षा और कानून के शासन के लिए खड़े होना कनाडा के लिए मूलभूत बात है और हम यही करने जा रहे हैं।