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'सरकार और प्रशासन नहीं, भक्तगण करें मंदिरों का संचालन', तिरुपति प्रसाद विवाद के बाद श्री श्री रविशंकर ने की मांग

Tirupati Laddu Row आध्यात्मिक गुरु और ऑर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि अब समय आ गया है कि मंदिरों का संचालन सरकार और प्रशासन द्वारा नहीं बल्कि भक्तों द्वारा किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने वाले आरोपियों की सारी संपत्ति जब्त कर ली जानी चाहिए और उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 22 Sep 2024 11:06 PM (IST)
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श्री श्री रविशंकर ने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। (File Image)

एएनआई, जिनेवा। तिरुपति के लड्डू में पशु चर्बी के इस्तेमाल को लेकर उठे विवाद के बीच आध्यात्मिक गुरु और ऑर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने मंदिरों से संबंधित मामलों की देखरेख के लिए आध्यात्मिक नेताओं की एक समिति के गठन का अनुरोध किया है। रविवार को उन्होंने कहा कि मंदिरों में भी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, मुस्लिम निकाय या ईसाई निकाय जैसे बोर्ड होने चाहिए, जोकि मंदिर के संबंध में बड़े फैसले लेने और उनकी देखरेख में सक्षम हों।

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भी एक व्यक्ति होना चाहिए, लेकिन उसे छोटी भूमिका निभानी होगी। स्वयं निर्मित वीडियो में श्री श्री रविशंकर ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, 'हमने इतिहास की किताबों में पढ़ा है कि 1857 में सिपाही विद्रोह कैसे हुआ था। और अब हम देख रहे हैं कि इन लड्डू से हिंदुओं की भावनाओं को कितनी ठेस पहुंची है।'

आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की

श्री श्री रविशंकर ने कहा, 'यह ऐसी चीज है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता। यह दुर्भावनापूर्ण है और इस प्रक्रिया में शामिल लोगों के लालच की पराकाष्ठा है। इसलिए, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जानी चाहिए और जो भी इस प्रक्रिया में दूर-दूर तक शामिल है, उसे जेल में डाल दिया जाना चाहिए। हमें सिर्फ लड्डू ही नहीं, बल्कि हर खाद्य उत्पाद की जांच करनी चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'बाजार में उपलब्ध घी का क्या? क्या कोई यह जांच रहा है कि वे उसमें क्या डाल रहे हैं? जो लोग खाद्य पदार्थों में मिलावट करते हैं और उस पर शाकाहारी होने का ठप्पा लगाते हैं और उसमें किसी भी तरह का मांसाहारी पदार्थ मिलाते हैं, उन्हें बहुत कड़ी सजा मिलनी चाहिए।' आईएएनएस के अनुसार, आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि मंदिर के प्रसाद में पशु की चर्बी का होना घृणित से भी अधिक है।

'भक्तों द्वारा किया जाना चाहिए मंदिर का संचालन'

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि मंदिरों का संचालन सरकार और प्रशासन द्वारा नहीं, बल्कि भक्तों द्वारा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'जहां भक्ति नहीं है, वहां पवित्रता नहीं होगी।' पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की और इसे सनातन धर्म को निशाना बनाने वाली बहुत खतरनाक साजिश बताया।

विहिप बैठक में तिरुपति लड्डू विवाद अहम मुद्दा होगा

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की सोमवार को होने वाली शीर्ष स्तरीय बैठक में तिरुपति का लड्डू विवाद और देशभर के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की मांग मंथन के प्रमुख मुद्दे होंगे। संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने रविवार को कहा कि तिरुपति शहर में होने वाली वीएचपी के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दिनभर चलने वाली बैठक में धर्मांतरण के मुद्दे पर भी चर्चा होगी।

उन्होंने बताया कि इस बैठक में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और अन्य दक्षिणी राज्यों के हिंदू संत शामिल होंगे। बैठक में विहिप के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग बागड़ा और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बजरंग ने कहा, 'दिन भर चलने वाली इस बैठक में हिंदू समाज के समक्ष मौजूदा चुनौतियों और उनके समाधान के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।'