Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

सुप्रीम कोर्ट ने आठ लोगों की हत्या के मामले में चार दोषियों की उम्रकैद रखी बरकरार, बिहार के रोहतास में 37 साल पहले हुई थी घटना

Supreme Court बिहार के रोहतास में एक शादी के रिसेप्शन में आठ लोगों की हत्या के लगभग 37 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा के खिलाफ चार लोगों की अपील खारिज कर दी है। हालांकि जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि दोषियों को समयपूर्व रिहाई को लिए राज्य प्रशासन विचार कर सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 13 Dec 2023 12:19 AM (IST)
Hero Image
सुप्रीम कोर्ट ने आठ लोगों की हत्या के मामले में चार दोषियों की उम्रकैद बरकरार रखी।

पीटीआई, नई दिल्ली। बिहार के रोहतास में एक शादी के रिसेप्शन में आठ लोगों की हत्या के लगभग 37 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा के खिलाफ चार लोगों की अपील खारिज कर दी है। हालांकि, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि दोषियों को समयपूर्व रिहाई को लिए राज्य प्रशासन विचार कर सकता है।

दोषियों की समयपूर्व रिहाई की मांग

दोषियों की ओर से पेश वकील अखिलेश कुमार पांडे ने समयपूर्व रिहाई की मांग की थी। वकील ने कहा कि दोषी 14 साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं, इसलिए प्रासंगिक नीति के तहत रिहाई पर विचार करना चाहिए। कोर्ट ने बिहार सरकार को आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से आठ सप्ताह के भीतर समयपूर्व रिहाई के लिए विचार करने का निर्देश दिया।

यह भी पढ़ेंः भारत बांग्लादेश सीमा पर फेंसिंग में हो रही देरी, पश्चिम बंगाल सरकार नहीं कर रही सहयोग; केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बताया

37 साल पहले हुई थी घटना

सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धि और आजीवन कारावास को बरकरार रखने के पटना हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ इबरार अंसारी, रसूल अंसारी, मुजफ्फर मियां और अनीश अंसारी की अपील पर सुनवाई कर रही थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, डकैतों के एक सशस्त्र गिरोह ने आठ जून, 1987 की रात रोहतास के इटवा गांव में एक शादी के रिसेप्शन पर हमला किया और आठ लोगों को गोली मार दी।

अभियोजन पक्ष ने कहा कि चारों अभियुक्त हमले में शामिल थे। हालांकि, अपीलकर्ताओं ने दलील दी थी कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है। उनके दावे को ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ने खारिज कर दिया था। रोहतास की निचली अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाले चार दोषियों सहित सभी 13 आरोपितों को दोषी ठहराया था।

यह भी पढ़ेंः अनुच्छेद-370 पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को बुद्धिजीवियों ने सराहा, कहा- धरातल पर दिखने लगा है असर