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ऑनलाइन और क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन नियम में हो सकता है बदलाव, मनी लांड्रिंग रोकने के लिए FATF बना रहा योजना

मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर निगरानी रखने वाली एफएटीएफ ऑनलाइन और क्रेडिट कार्ड के ट्रांजेक्शन में और पारदर्शिता लाना चाहता है। वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक भारत में क्रेडिट कार्ड संचालित करने वाली कंपनियों से इस बारे में नियामक बातचीत कर रहा है और इस संबंध में बदलाव पर होने वाले खर्च का वहन क्रेडिट कार्ड कंपनी करेगी। इससे भविष्य में क्रेडिट कार्ड का शुल्क बढ़ सकता है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 11 Sep 2024 01:00 AM (IST)
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ऑनलाइन और क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन नियम में हो सकता है बदलाव

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर निगरानी रखने वाली वैश्विक एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ऑनलाइन और क्रेडिट कार्ड के ट्रांजेक्शन में और पारदर्शिता लाना चाहता है और इस दिशा में पहल शुरू हो चुकी है। वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक एफएटीएफ चाहता है कि क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन होने पर खर्च और प्राप्त करने वाले दोनों की पूरी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो।

एक ऐसी प्रणाली विकसित की जाए जिसकी मदद से रियल टाइम में ट्रांजेक्शन करने वाले और प्राप्तकर्ता के बारे में जरूरत पड़ने पर जानकारी मिल सके। कई क्रेडिट कार्ड बैंक खाते से भी नहीं जुड़े होते हैं, इसलिए खर्च करने वाले की पूरी जानकारी हमेशा आसानी से नहीं मिल पाती है।

भविष्य में क्रेडिट कार्ड का शुल्क बढ़ सकता है

वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक भारत में क्रेडिट कार्ड संचालित करने वाली कंपनियों से इस बारे में नियामक बातचीत कर रहा है और इस संबंध में बदलाव पर होने वाले खर्च का वहन क्रेडिट कार्ड कंपनी करेगी। इससे भविष्य में क्रेडिट कार्ड का शुल्क बढ़ सकता है।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक पारदर्शिता लाने के लिए होने वाले बदलाव से ट्रांजेक्शन की गति प्रभावित नहीं होगी। अभी क्रेडिट कार्ड पर मुख्य रूप से यूजर का नाम होता है और उनके नंबर से देश का पता भी लगाया जा सकता है।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक एफएटीएफ विदेश भ्रमण के दौरान होने वाले ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में भी पारदर्शिता बढ़ाना चाहता है और भारत भी इसके पक्ष में है। अभी कई ऐसे पेमेंट एग्रीगेटर है जिनके मानक को बढ़ाए जाने की जरूरत है और सभी को नियामक के दायरे में लाने का प्रयास हो रहा है। ये एग्रीगेटर बैंक की तरह पारदर्शी नहीं है। आरबीआइ इस दिशा में काम कर रहा है।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक भारत अपने उन गैर वित्तीय संस्थान में भी पारदर्शिता लाने की कोशिश में जुट गया है जिनके माध्यम से परोक्ष रूप से वैश्विक स्तर पर वित्तीय लेनदेन का काम होता है। मंत्रालय के मुताबिक ज्वैलरी की खरीद-फरोख्त, कैसिनो, चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म जैसी संस्थाओं के माध्यम से वैश्विक स्तर पर वित्तीय आदान-प्रदान होता है।

भारत आतंकी फंडिंग का शिकार

एफएटीएफ 40 देशों का समूह है और इनकी सिफारिशों पर अमल नहीं करने वाले देशों पर वैश्विक स्तर पर वित्तीय प्रतिबंध लगाया जा सकता है। यह समूह सदस्य देशों की वित्तीय प्रणाली का मूल्यांकन करता है। आगामी 19 सितंबर को भारत की वित्तीय प्रणाली के मूल्यांकन पर एफएटीएफ रिपोर्ट जारी करने जा रहा है।

आतंकी फंडिंग रोकने में अहम भूमिका निभाएगा भारतवित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक एफएटीएफ के मंच से भारत वैश्विक स्तर पर हो रहे आतंकी फंडिंग को रोकन में अग्रणी भूमिका निभाने जा रहा है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक भारत आतंकी फंडिंग का शिकार रहा है और भारत ने आतंकी फंडिंग के माडल पर काफी काम किया है और इस प्रकार के फंडिंग रोकने में सफलता भी हासिल की है।

पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे सूची में डाल दिया था

भारत उन उदाहरणों के साथ आतंकी फंडिंग रोकने के लिए अन्य उपायों का मॉडल दुनिया को देगा। भारत ने ही एफएटीएफ को पाकिस्तान में हो रहे आतंकी फंडिंग की जानकारी दी थी जिसके बाद पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे सूची में डाल दिया था।