BHISHM Cube: क्या है भीष्म क्यूब, जिसे पीएम मोदी ने जेलेंस्की को किया गिफ्ट; पढ़ें इस तोहफे की खासियत
पीएम मोदी ने अपने यूक्रेन दौरे के दौरान राष्ट्रपति राष्ट्रपति जेलेंस्की को चार भीष्म क्यूब गिफ्ट किया। इनका उपयोग युद्ध में घायल आम जनता के साथ ही सैनिकों को तत्काल चिकित्सा सहायता पहुंचाने में किया जा सकता है।राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इसके लिए भारत को धन्यवाद दिया है। मालूम हो कि 36 छोटे चिकित्सा पैकेटों को मिलाकर एक मदर क्यूब और दो मदर क्यूब से एक भीष्म क्यूब बनाया जाता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। युद्धग्रस्त यूक्रेन को भारत ने शुक्रवार को वह दिया, जिसकी उसे सबसे ज्यादा जरूरत है। यह चीज है कि आपातकाल में इस्तेमाल होने वाली चिकित्सा सामग्रियों का किट। इस किट को भारत ने खास तौर पर विकासशील देशों को चिकित्सा क्षेत्र में मदद देने के लिए शुरू किए गए प्रोजेक्ट आरोग्य मैत्री के तहत तैयार किया है और इसका नाम भीष्म रखा गया है।
कैसे बनता है भीष्म क्यूब?
इसके तहत दवाइयों, मरहम-पट्टी, इंजेक्शन आदि का एक छोटा 15 इंच का चिकित्सा पैकेट होता है। इस तरह के 36 छोटे चिकित्सा पैकेटों को मिलाकर एक मदर क्यूब बनाया जाता है और दो मदर क्यूब को मिलाकर एक भीष्म क्यूब बनाया जाता है।
Bharat Health Initiative for Sahyog Hita & Maitri (BHISHM) is a unique effort which will ensure medical facilities in a rapidly deployable manner. It consists of cubes which contain medicines and equipment for medical care. Today, presented BHISHM cubes to President @ZelenskyyUa. pic.twitter.com/gw3DjBpXyA— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2024
पीएम मोदी ने यूक्रेन को दिया चार भीष्म क्यूब
पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को इस तरह के चार भीष्म क्यूब सौंपे। इनका उपयोग युद्ध में घायल आम जनता के साथ ही सैनिकों को तत्काल चिकित्सा सहायता पहुंचाने में किया जा सकता है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इसके लिए भारत को धन्यवाद दिया है।
दोनों देशों के बीच हुए चार समझौते
बाद में जब पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, उसमें भी चिकित्सा व मेडिकल क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने को लेकर बात हुई है। दोनों देशों के बीच चार समझौते हुए हैं, जिनमें एक समझौता स्वास्थ्य व ड्रग्स को लेकर है। इससे भारतीय दवाइयों व चिकित्सा उपकरणों को यूक्रेन निर्यात करने की राह आसान होगी।
आर्थिक व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग पर भी बनी बात
अन्य समझौते कृषि व खाद्य प्रसंस्करण, भारत की तरफ से सामुदायिक विकास के लिए यूक्रेन को अनुदान देने और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने को लेकर है। दोनों देशों के बीच आर्थिक व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी सहमति बनी है। इस संबंध में भारत-यूक्रेन के बीच अंतर-सरकारी आयोग का गठन पहले ही हो चुका है और इसकी एक बैठक मार्च, 2024 में हुई थी।
यह आयोग कारोबार, वाणिज्य, औद्योगिक, संस्कृति, विज्ञान व तकनीकी क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बनाने और उनको लागू करने का काम करता है। इसकी अगली बैठक इस साल के अंत तक होगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बताया कि दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में आपसी सहयोग से जुड़े मुद्दों के अलावा रूस से तेल खरीद का मुद्दा भी उठा।
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