Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Dehradun Rape Case: नाबालिग के बयान से मुकरने के बाद भी दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा, फोरेंसिक जांच बनी आधार

दून की एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) अर्चना सागर की अदालत ने आरोपित युवक को दोषी करार देते हुए 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। फोरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट में पीड़िता के कपड़ों पर आरोपित का सीमेन मिलने के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया। आरोपित पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

By Soban singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 21 Sep 2024 08:01 AM (IST)
Hero Image
Dehradun Rape Case: दुष्कर्म की खबर में सांकेतिक फोटो उपयोग किया गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand News: दुष्कर्म के एक मामले में नाबालिग पीड़िता के बयान से मुकरने के बावजूद विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) अर्चना सागर की अदालत ने आरोपित युवक को दोषी करार देते हुए 20 साल के सश्रम करावास की सजा सुनाई।

अदालत ने यह निर्णय फोरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट के आधार पर सुनाया, जिसमें पीड़िता के कपड़ों पर आरोपित का सीमेन (वीर्य) मिला था। अदालत ने दोषी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया और जुर्माना अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया।

बेटी के अपरहण का लगाया था आरोप

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि 19 जनवरी 2020 को दून के पटेलनगर क्षेत्र निवासी एक महिला ने थाने में तहरीर दी कि जब सुबह पांच बजे वह अपने कमरे के बाहर आई तो नाबालिग बेटी गायब थी। महिला ने मोहब्बेवाला निवासी मुकेश उर्फ मुन्ना पर बेटी के अपहरण का आरोप लगाया। इस पर पुलिस ने जांच शुरू की और 30 जनवरी को दिल्ली से आरोपित मुन्ना को गिरफ्तार कर पीड़ित को बरामद किया।

पुलिस को बताया प्रेम संबध में साथ निकली थी

नाबालिग ने पुलिस को बताया कि मुन्ना से उसका प्रेम-प्रसंग है, इसलिए वह उसके साथ चली गई थी। जांच में पुलिस को पता चला कि 19 जनवरी को दोनों कार से हरिद्वार के लिए निकले थे, लेकिन दुर्घटना होने के कारण कार खराब हो गई। फिर उन्होंने टैक्सी बुलाई और 20 जनवरी की सुबह पांच बजे हरिद्वार पहुंचे व वहां रोडवेज बस अड्डे से बस में दिल्ली निकल गए।

दिल्ली में किराए के कमरे में रहे

वहां उन्होंने किराये का कमरा लिया। वह 25 जनवरी तक वह वहीं रुके और 26 जनवरी को ट्रेन से गोवा के लिए निकले। रास्ते में नाबालिग की तबीयत खराब हो गई तो दोनों नासिक (महाराष्ट्र) में उतर गए। पुलिस के अनुसार वहां दोनों दो दिन होटल में रुके और 29 जनवरी को वापस दिल्ली आ गए। पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने बताया था कि होटल में मुकेश ने उसे गर्भ-निरोधक दवा दी थी।

बयान से मुकरी पीड़िता और दुष्कर्म को नकारा

पुलिस ने जब पीड़िता के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए तो वह पुलिस को पूर्व में दिए बयानों से मुकर गई। यही नहीं, उसने दुष्कर्म की बात भी नकार दी, लेकिन जब पुलिस ने उसके कपड़ों को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा तो उन पर आरोपित मुकेश का सीमेन मिला।

अदालत ने दोषी करार दिया

पीड़िता ने चिकित्सीय परीक्षण में भी सहयोग नहीं किया। इसके बाद पीड़िता अदालत में भी दुष्कर्म के आरोपों से मुकर गई, लेकिन चिकित्सक की गवाही और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर शुक्रवार को अदालत ने आरोपित मुकेश उर्फ मुन्ना को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी करार दिया।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि मामले में में पटेलनगर थाने के पैरोकार सिपाही जितेंद्र कुमार ने साक्ष्यों का संकलन करने में अहम भूमिका निभाई।