3 बार के MLA और पूर्व मंत्री ने थामा BJP का दामन, CM पटनायक के रह चुके हैं करीबी; दक्षिण ओडिशा में रहा है दबदबा
Odisha Politics पूर्व मंत्री तथा गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रदीप पाणीग्राही तमाम चर्चाओं पर विराम लगाते हुए बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। प्रदीप और उनके कुछ समर्थक औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हुए। भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन समल की मौजूदगी में वह भाजपा में शामिल हुए। प्रदीप पाणीग्राही के भाजपा में शामिल होने की चर्चा पहले से ही थी।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। बीजू जनता दल से निष्कासित पूर्व मंत्री तथा गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रदीप पाणीग्राही तमाम चर्चाओं पर विराम लगाते हुए बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। प्रदीप और उनके कुछ समर्थक औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हुए।
भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन समल की मौजूदगी में वह भाजपा में शामिल हुए। प्रदीप पाणीग्राही के भाजपा में शामिल होने की चर्चा पहले से ही थी, जिस आज विराम लगा है।
जानकारी के मुताबिक, 20 नवंबर, 2020 को पूर्व मंत्री तथा विधायक प्रदीप पाणीग्राही को जनविरोधी गतिविधि के लिए बीजद की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था। पार्टी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि प्रदीप को बीजद से निष्कासित कर दिया गया है। आज भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदीप पाणीग्राही ने बीजद पर जमकर हमला बोला।
भाजपा में शामिल होने के बाद क्या कुछ बोले पूर्व मंत्री
उन्होंने कहा कि ओडिशा में बदलाव का समय आ गया है। अब समय आ गया है कि एक मजबूत ओडिशा, एक मजबूत भारत का निर्माण किया जाए। अंधी, गूंगी, बहरी, गर्वित एवं अभिमानी सरकार को हटाने की जरूरत है। तानाशाही सरकार को हटाया जाना चाहिए और एक लोकतांत्रिक सरकार लाई जानी चाहिए।
नवीन पटनायक को हटाकर ओडिया को महत्व देने की जरूरत है। ओडिशा के लोगों ने सभी दलों को मौका दिया है। जनता इस बार भाजपा को भी एक मौका दें। नई सरकार लाएं। आज एक पवित्र दिन है। हम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज भाजपा में शामिल हुए।
दक्षिण ओडिशा में प्रदीप का रहा है दबदबा
गौरतलब है कि प्रदीप पाणिग्रही कभी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बहुत करीबी हुआ करते थे। प्रदीप पाणिग्रही उन कुछ लोगों में से एक थे जो नवीन निवास में आसानी से प्रवेश कर सकते थे या नवीन से सीधे फोन पर बात कर सकते थे। दक्षिण ओडिशा खासकर गंजाम की राजनीति में उनका अटूट प्रभाव था। वह छात्र राजनीति से आए थे। वह हिंजिली में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि भी थे।
वह 2009 से लगातार तीन बार गोपालपुर से विधायक रहे हैं। वह 2014 में नवीन पटनायक सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री भी थे। उन्होंने 2017 तक विभिन्न विभागों को संभाला, लेकिन कोरोना के बाद 2019-20 के बाद दरार आ गई। सबसे पहले उनके होने वाले समधी आईएफएस अभय पाठक के घर पर विजिलेंस रेड हुई।अभय और उनके बेटे आकाश को जेल भी हुई थी। बताया जाता है कि आकाश ने टाटा में नौकरी पाने के लिए पैसे लिए थे।विजिलेंस ने प्रदीप पाणिग्रही को भी इस मामले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उनके विभिन्न ठिकानों पर छापा मारा था।
संपृक्ति मिलने के बाद प्रदीप पाणिग्रही को अपराध शाखा ने 3 दिसंबर, 2020 को गिरफ्तार किया था और जेल भेज दिया था। विजिलेंस की छापेमारी के बाद प्रदीप ने नवीन पटनायक सरकार और पांडियन के कई राज खोले। उन्हें 2020 में बीजद से निष्कासित कर दिया गया था।प्रदीप पाणिग्रही को जून 2021 में जमानत मिली। इसके बाद इस बारे में बहुत सारी बातें हुईं कि वह क्या करेंगे। अंत में प्रदीप पाणिग्रही ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन थाम लिया है।
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