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जानें- कौन हैं UP के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह, जिन्‍हें सुनाई गई पांच साल की सजा Gorakhpur News

32 एकड़ जमीन कब्जा करने के मामले में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह उनकी पत्नी बेटे और बहू समेत नौ लोगों को दोषी ठहराया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 03 Mar 2020 10:42 PM (IST)
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जानें- कौन हैं UP के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह, जिन्‍हें सुनाई गई पांच साल की सजा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम अवध सिंह की 32 एकड़ जमीन कब्जा करने के मामले में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह, उनकी पत्नी, बेटे और बहू समेत नौ लोगों को दोषी ठहराया है। सभी को पांच साल की सजा भी सुनाई गई है। प्रेम प्रकाश सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की बरहज विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे हैं और मंत्री भी रहे हैं। उनकी पत्नी उत्तराखंड में ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज क्षेत्र की ब्लाक प्रमुख रही हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम अवध सिंह मूल रूप से आजमगढ़ के पूना पार के रहने वाले थे। उनके निधन के बाद से मामले की पैरवी उनकी पुत्री प्रभावती सिंह कर रही थीं। प्रभावती आजमगढ़ के बूढ़नपुर क्षेत्र के सिंघोड़ा गांव की रहने वाली हैं।

आजाद हिंद फौज के सिपाही थे रामअवध सिंह

आजाद हिंद फौज के सिपाही रामअवध सिंह मूल रूप से आजमगढ़ के पूनापार के रहने वाले थे। आजादी के बाद पुलिस में भर्ती हुए। डिप्टी एसपी के पद से रिटायर हुए थे। स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को देखते हुए तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें कृषि कार्य के लिए ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर के बागवाला गांव में 32 एकड़ जमीन आवंटित की।

 निधन के बाद जमीन पर पड़ी पूर्व मंत्री की नजर

10 जून 1999 को रामअवध की मृत्यु के बाद जमीन उनकी इकलौती पुत्री प्रभावती देवी के नाम दर्ज हो गई। उनकी शादी आजमगढ़ की तहसील बूढऩपुर क्षेत्र के सिंघोड़ा गांव में होने से वह यहां नहीं रहती हैं। ऐसे में फर्जी वसीयत तैयार कर पूर्व मंत्री ने जमीन अपने नाम करा ली।

2014 में दर्ज हुआ मुकदमा

घटना की जानकारी होने पर प्रभावती ने इसकी शिकायत डीआइजी से की। इस पर तीन मई, 2014 को धारा 420, 467, 468, 471, 506, 504 के तहत प्रेम प्रकाश के साथ ही वसीयत के गवाह ग्राम तिलियापुर, सितारगंज निवासी नवनाथ तिवारी और प्रेमनारायण को नामजद किया गया।

पत्नी सहित पूरे परिवार पर कसा शिकंजा

जांच में पूर्व मंत्री की पत्नी सितारगंज की तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख मंजूलता सिंह, पुत्र शिव वर्धन, बहू निधि सिंह, एसबी सिंह, उनकी पत्नी गीता सिंह और बहू शिखा सिंह के नाम भी सामने आए। 17 जून 2018 को चार्जशीट पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की। इसमें प्रेम प्रकाश सिंह को धारा 420, 467, 468, 471, 504, 506 व 342 आईपीसी, गवाह नवनाथ तिवारी व प्रेमनारायण को धारा 420, 467, 468, 471 व 120 बी का आरोपित पाया गया। निधि सिंह, शिव वर्धन सिंह, मंजू लता सिंह, शिखा सिंह एवं गीता सिंह को धारा 420, 468 व 120 बी व एसबी सिंह को 120 बी का आरोपित माना गया।

पूर्व मंत्री जाएंगे जेल, बाकी को मिलेगी अंतरिम जमानत

प्रभावती के वकील सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने बताया कि मामला सिविल जज सीनियर डिवीजन छवि बंसल की अदालत में चल रहा था। मंगलवार को आरोपितों को दोष सिद्ध करार दिया गया। प्रेम प्रकाश सिंह को धारा 120 बी में दो साल, 420 में पांच साल, 471 में पांच साल, 504 में एक साल, 506 में पांच साल की सजा सुनाई गई। इसी तरह गवाह नवनाथ तिवारी, प्रेम नारायण सिंह को दो तीन साल, पुत्र शिव वर्धन को तीन साल, बहू निधि, पत्नी मंजूलता, शासकीय अधिवक्ता स्वतंत्र सिंह को दो साल, पत्नी गीता सिंह व बहू शिखा को एक साल की सजा सुनाई गई। कोर्ट के आदेश पर प्रेम प्रकाश को जेल भेजा जाएगा। अन्य आरोपितों को अंतरिम जमानत मिल जाएगी।