Tirupati Laddu Case: 'जब तक हिंदू एकजुट नहीं होंगे...' पवन कल्याण ने क्यों की 'सनातन धर्म रक्षण बोर्ड' बनाने की मांग?
Tirupati Laddu Case तिरुपति मंदिर में मिलने वाले लड्डू में पशुओं की चर्बी के इस्तेमाल किए जाने के मामले पर आंध प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण का गुस्सा फूट पड़ा है। पवन कल्याण ने एक्स पर पोस्ट किया कि तिरुपति बालाजी प्रसाद में पशु वसा (मछली का तेल सूअर की चर्बी और भैंसे की चर्बी) मिलाए जाने के निष्कर्षों से हम सभी बहुत परेशान हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Tirupati Laddu Case। विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में मिलने वाले लड्डू में पशुओं की चर्बी के इस्तेमाल किए जाने के मामले पर लगातार सियासी बयानबाजी हो रही है। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन ने राष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म रक्षण बोर्ड के गठन करने की मांग की है।
दरअसल, सीएम नायडू ने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर आरोप लगाए कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान विश्व प्रसिद्ध तिरुपति के लड्डू में पशुओं की चर्बी के इस्तेमाल किया गया था। टीडीपी ने दावा किया कि लैब रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि की है कि लड्डू में मिलावट की गई थी।
'सनातन धर्म रक्षण बोर्ड' का गठन हो: पवन कल्याण
पवन कल्याण ने एक्स पर पोस्ट किया,"तिरुपति बालाजी प्रसाद में पशु वसा (मछली का तेल, सूअर की चर्बी और भैंसे की चर्बी) मिलाए जाने के निष्कर्षों से हम सभी बहुत परेशान हैं।"पवन कल्याण ने कहा, "शायद पूरे भारत में मंदिरों से संबंधित सभी मुद्दों को देखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 'सनातन धर्म रक्षण बोर्ड' का गठन करने का समय आ गया है।"
उपमुख्यमंत्री ने इस मामले पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस का भी आह्वान किया और किसी भी रूप में सनातन धर्म के अपमान के खिलाफ सामूहिक लड़ाई का आग्रह किया।
'जब तक हिंदू एकजुट नहीं होंगे...'
इस मामले पर भाजपा नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है। आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि जिम्मेदार लोगों को “कारावास में डाला जाना चाहिए”। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा ‘लैब टेस्ट रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू बनाने में भैंसे की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया है। हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले इस कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को जेल में डाला जाना चाहिए। जब तक हिंदू एकजुट नहीं होंगे, उन्हें ‘धर्मनिरपेक्षता’ के नाम पर इस तरह का अपमान सहना पड़ेगा।’
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