Baroda By-Elections 2020: लगातार तीन बार जीती कांग्रेस, लेकिन हर बार कम होता गया जीत का अंतर
Baroda Haryana By Election 2020 पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के खास माने जाने वाले श्रीकृष्ण हुड्डा ने पहली बार इनेलो के डॉ. कपूर नरवाल को करीब 25 हजार वोटों के अंतर से हराया था। उन्हें करीब 59.37 प्रतिशत वोट मिले थे।
सोनीपत [संजय निधि]। बरोदा उपचुनाव की गहमागहमी चरम पर है। नामांकन प्रक्रिया शुरू है, लेकिन प्रमुख राजनीतिक दल ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। भाजपा और कांग्रेस से टिकट के दावेदारों की फेहरित लंबी है। लगातार तीन बार इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के जीतने के कारण कांग्रेसी इसे अपनी सीट मानकर चल रहे हैं। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि चुनाव-दर-चुनाव कांग्रेस के वोट का ग्राफ गिर रहा है और कांग्रेस के लगातार घटते वोट प्रतिशत को देखते हुए इस बार भाजपा यहां से पहली बार कमल खिलाने के लिए पूरा जोर लगा रही है।
बरोदा उपचुनाव में भाजपा व कांग्रेस की साख दांव पर लगी है। कांग्रेस इस सीट से लगातार तीन बार जीत हासिल है। वर्ष 2009 में सामान्य हाेने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी श्रीकृष्ण हुड्डा यहां से लगातार जीतते आ रहे हैं। इस क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की अच्छी पकड़ मानी जाती है।
सोनीपत लोकसभा सीट से हार गए थे हुड्डा
पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में सोनीपत लोकसभा सीट से हार के बावजूद हुड्डा को लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बरोदा विधानसभा सीट से 16 हजार से अधिक वोटों से जीत मिली थी, लेकिन इसकेे कुछ ही महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का अंतर घटकर महज 4840 रह गया। यही नहीं, विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के वोट का ग्राफ चुनाव-दर-चुनाव गिरता ही गया है।
2009 में पहली बार विधायक बने श्रीकृष्ण हुड्डा
वर्ष 2009 में भूपेंद्र हुड्डा के खास माने जाने वाले श्रीकृष्ण हुड्डा ने पहली बार इनेलो के डॉ. कपूर नरवाल को करीब 25 हजार वोटों के अंतर से हराया था। उन्हें करीब 59.37 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बाद 2014 के चुनाव में श्रीकृष्ण हुड्डा ने फिर जीत दर्ज की, लेकिन इस बार उन्हें 41.93 प्रतिशत ही वोट मिले और मात्र 5183 वोट से जीत मिली। पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की टिकट पर श्रीकृष्ण हुड्डा मैदान में थे और जीत दर्ज की, लेकिन उनका वोट प्रतिशत एक बार फिर गिर गया।
इस बार उन्हें महज 34.67 प्रतिशत वोट मिले। वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा यहां दूसरे नंबर पर रही। कांग्रेस के लगातार घटते वोट प्रतिशत और पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहने वाली भाजपा इन आंकड़ों को देखते हुए अत्यंत उत्साहित है। दूसरी ओर, वोट के गिरते ग्राफ को देखते हुए कांग्रेस काे अपनी जीत बरकरार रखने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।
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