Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Amritsar: BSF के जवानों ने 11 बांग्‍लादेशी नागरिकों को किया गिरफ्तार, ICP की दीवार फांदकर जा रहे थे पाकिस्‍तान

सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने अटारी बॉर्डर की इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट से 11 बांग्‍लादेशी नागर‍िकों को गिरफ्तार किया है। ये नागरिक आइसीपी की दीवार फांदकर पाकिस्तान जाने की फिराक में थे। पकड़े गए बंगलादेशी 11 नागरिकों में दो महिलाएं है पांच नाबालिग भी है। यह लोग अटारी बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट को देखने के लिए पहुंचे थे उसके पश्चात इन लोगों ने पाकिस्तान जाना था।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Fri, 13 Oct 2023 11:50 AM (IST)
Hero Image
आइसीपी की दीवार फांदकर पाकिस्तान जा रहे 11 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, अमृतसर। पाकिस्तान जाने की फिराक में बैठे 11 बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने अटारी बार्डर की इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) से गिरफ्तार किया है। ये बांग्लादेशी नागरिक आइसीपी की दीवार फांदकर पाकिस्तान जाने की फिराक में थे। यह लोग दीवार भी फांद चुके थे। उसके बाद वह कार्गो में घूम रहे थे कि बीएसएफ ने उन्हें देख लिया और पकड़ लिया।

पांच नाबालिग भी गिरफ्तार

पकड़े गए बंगलादेशी 11 नागरिकों में दो महिलाएं है, पांच नाबालिग भी है। यह लोग अटारी बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट को देखने के लिए पहुंचे थे, उसके पश्चात इन लोगों ने पाकिस्तान जाना था। पाकिस्तान के कराची में इनका कोई रिश्तेदार था, जिनके पास यह लोग जाने वाले थे। बार्डर पर ही उन्हें एक एजेंट मिला, जिसने उन्हें पाकिस्तान तक पहुंचाने का जिम्मा भी लिया और उनसे एक लाक रुपये की मांग की।

यह भी पढ़ें: Punjab: पाइप में फंसा मिला खून से लथपथ शव, मुंह और सिर पर चोटों के निशान; Dead Body देख लोगों में फैली सनसनी

इन लोगों ने 25 हजार रुपये उस एजेंट को दे भी दिए थे और बाकी की रकम पाकिस्तान जाकर देने का वायदा किया था। इन लोगों को एजेंट ने आइसीपी के नजदीक ले गया और वहां की दीवार पर लगी कंटीली तारे काटकर उन्हें दीवार पार करवा दी। बीएसएफ इन लोगों से पूछताछ कर रही है।

आरोपितों की हुई पहचान

इनकी पहचान मोहम्मद सानूर (52) निवासी गांव खरई थाना छटक जिला सुनामगंज बांग्लादेश, अल्लाहुद्दीन (25) निवासी दक्षिण बरगाफूपुरा पोस्ट जौवा थाना जौवा जिला सुनामगंज, खालीद हुसैन (32) निवासी गांव नोलुआ दोवाराबाजार कपोला सुनामगंज, मीमर मीयां (15) निवासी गांव खरइ जौआ बाजार थाना छटक जिला सुनामगंज, इस्माइल हुसैन (13) निवासी सिमसापुर जिला सुनामगंज, रजना बेगम (23) निवासी गांव खरई जौआ बाजार थाना छटक जिला सुनामगंज, मैना बेगम (24) निवासी गांव बरखापुर खरइ थाना जौआ जिला सुनामगंज शामिल है। 

वहीं नाजमीन (13) निवासी गांव खरइ थाना छटक जिला सुनामगंज, तामीम (10) निवासी गांव खरइ थाना छटक जिला सुनामगंज, मोहम्मद जोमिर अली (20) निवासी गांव डोकिन बोरकापोन छटक गोविंद गंज नातून बाजार जिला सुनामगंज, फैम (8) गांव खरइ छटक जिला सुनामगंज के रूप में हुई है। इनके कब्जे से दो मोबाइल फोन, चार पासपोर्ट, 8092 भारतीय करंसी और आठ बैग बरामद हुए है। बीएसएफ ने एजेंट की भी पहचान कर ली है। उसकी पहचान रंजीत के रूप में हुई है।

वेस्‍ट बंगाल से आए

बीएसएफ ने मोहम्मद सानूर से जब पूछताछ की तो पता चला कि वह तीन अक्तूबर 2023 की रात को वेस्ट बंगाल से वह आए थे। सियालदाह रेलवे स्टेशन से अजमेर के लिए 10.55 बजे ट्रेन के माध्यम से पहुंचे। वहां पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह पर माथा टेका और 9 अक्तूबर 2023 की शाम छह बजे अमृतसर केलिए ट्रेन में सवार हो गए। 10 अक्तूबर 2023 को 2.40 बजे अमृतसर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। उन्होंने वहां से बार्डर पर रिट्रीट देखने के लिए आटो ड्राइवर लिया। जिसके पश्चात वह रिट्रीट सेरेमनी में पहुंचे।

रंजीत सिंह नामक व्यक्ति ने किया खुलासा

रिट्रीट देखने के बाद यह लोग आइसीपी में चले गए, जहां पर इन्हें 11 अक्तूबर 2023 को सुबह 9 बजे रंजीत सिंह नामक व्यक्ति मिला और उन्हें बंकर में देख लिया। उसने उन्हें बार्डर पार करवाने के बदले 50 हजार की मांग की। मोहम्मद सानूर ने उन्हें 25 हजार रुपये भी दे दिए और बाकी रकम पाकिस्तान पहुंचने के बाद देने का वायदा किया गया। 11 अक्तूबर 2023 को 12 बजे रंजीत एक और व्यक्ति को अपने साथ लेकर वहां पर पहुंचा।

यह भी पढ़ें: SYL Dispute: आप ने एसवाईएल मुद्दे पर अकाली दल को घेरा, कहा- बादल ने की थी भूमि अधिग्रहण के लिए जमीन अधिसूचित

रंजीत ने उन्हें कहा कि दीवार के पार पाकिस्तान है और वहां से अंदर चले जाएं। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि मोहम्मद सानूर छोटी मोटी नौकरियां करता है। वर्क वीजा पर ओमान, इरान, तुर्की, यूनान भी जा चुका है और लगभग तीन महीने पहले ही वापिस आया था। यह सभी लोग मोहम्मद सानूनर के चाचा इब्राहिम हैदरी कराची में रहने वाली चाचा मीयां जान जोकि मछुआरा है, उसके पास जाने वाले थे।