Sikh Pilgrims: गुरु नानक देव जयंती के बाद भारत वापस लौटे सिख तीर्थयात्री, 25 नवंबर को रवाना हुआ था जत्था
पाकिस्तान में गुरुधामों की यात्रा और प्रथम गुरु नानक देव जी की 554वीं जयंती मनाने के बाद सिख तीर्थयात्रियों का जत्था वाघा अटारी बॉर्डर के रास्ते वतन वापसी कर गए हैं। ये जत्था 25 नवंबर को अटारी बॉर्डर के रोड से पाकिस्तान से रवाना हुआ था। कुल 5822 भारतीय श्रद्धालुओं ने पाकिस्तान दूतावास में वीजा के लिए आवेदन किया था।
तजिंदर सिंह, अटारी। प्रथम गुरु नानक देव जी की 554वीं जयंती मनाने के बाद भारत से सिख तीर्थयात्रियों का जत्था वाघा-अटारी सीमा के रास्ते अपने वतन लौट आया। ये जत्था 25 नवंबर को अटारी सीमा सड़क मार्ग से पाकिस्तान रवाना हुआ था।
इस मौके पर जत्थे के साथ आए धर्म प्रचार कमेटी के प्रभारी मलकियत सिंह बहरवाल ने बातचीत के दौरान बताया कि जन्मोत्सव मनाने के लिए भारत से गए सिख तीर्थयात्रियों और अन्य देशों से आए तीर्थयात्रियों सहित पाकिस्तानी लोग द्वारा श्री ननकाना साहिब में श्री गुरु नानक देव जी की जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। साथ ही उन्होंने अपना ये त्योहार काफी उत्साहपूर्वक मनाया गया।
पाकिस्तान रवाना हुए थे 2704 तीर्थयात्रियों का जत्था
उन्होंने आगे कहा कि जत्थे के साथ गए चार तीर्थयात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है जो बेहद दुखद है। श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में पाकिस्तान स्थित गुरुधामों की यात्रा के लिए 2,704 श्रद्धालुओं का जत्था 25 नवंबर को अटारी सीमा सड़क मार्ग से पाकिस्तान रवाना हुआ था। कुल 5,822 भारतीय श्रद्धालुओं ने पाकिस्तान दूतावास में वीजा के लिए आवेदन किया था। इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक श्रद्धालुओं के वीजा को रद कर दिया गया है।
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