पंजाब सरकार को हाईकोर्ट की फटकार, जेल से हाथ में गुटका साहिब लिए बाहर आए कुलबीर सिंह जीरा; बोले- वाहेगुरु पर था भरोसा
कांग्रेस के पूर्व विधायक व फिरोजपुर के जिला प्रधान कुलबीर सिंह जीरा (Kulbir Singh Zira Case) की गिरफ्तारी मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए उन्हें तुरंत रिहा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर उनकी रिहाई नहीं की जाती तो अधिकारियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने और बीडीपीओ दफ्तर के समक्ष रोष प्रदर्शन के मामले में रूपनगर जेल में बंद पंजाब के जीरा विधानसभा के पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जीरा (Kulbir Singh Jira) सोमवार शाम को रिहा हो गए। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने जीरा पर दर्ज मामले में 107-151 के आरोपों का इजाफा कर दिया था। जिसपर हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सोमवार शाम जीरा की रिहाई संभव हो पाई।
जीरा को शनिवार को रूपनगर से रिहा किया जाना था लेकिन रिहाई संभव नहीं हो पाई। जिला जेल से हाथ में गुटका साहिब हाथ में लेकर बाहर निकले जीरा ने कहा कि वो वाहेगुरु पर उन्हें भरोसा था और हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। उनके साथ पार्षद पोमी सोनी भी थे।
जीरा ने कहा कि उन पार्टी नेताओं के भी धन्यवादी हैं जिन्होंने उनका साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए साथ दिया। धन धन बाबा बुड्ढा साहिब का शुक्राना करने भी पहुंचेंगे। जीरा ने कहा कि जिला जेल के भीतर उन्हें महसूस नहीं हुआ कि वो जेल में हैं। गुरु के आसरे वो जेल गए थे और वहां मिले युवकों और बुजुर्गों से बहुत कुछ सीखने के लिए मिला। उन्होंने कहा कि जितने दिन भी वो जेल में रहें उन्हें पूरा सत्कार मिला। प्राइवेट सिक्योेरिटी के व्यवहार पर जीरा ने एतराज भी जताया।
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को लगाई फटकार
जीरा के भाई ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कुलबीर जीरा की गिरफ्तारी को अवैध बताया था। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को याचिका का निपटारा करते हुए कहा था कि गिरफ्तारी एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के आदेश पर की गई है और ऐसे में इसे अवैध नहीं कहा जा सकता।
रिहाई न दी तो मुश्किल में पड़ जाएंगे अधिकारी: हाईकोर्ट
कोर्ट ने जीरा के भाई को एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती देने की छूट दे दी थी। शनिवार को इसी आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट ने याचिका पर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। सोमवार को सुनवाई आरंभ हुई तो हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि आखिर कैसे आईपीसी की धारा 104 और 151 के तहत बिना किसी आदेश के 24 घंटे के बाद भी जीरा को हिरासत में रखा गया। अगर आज जीरा की रिहाई नहीं हुई तो अधिकारी मुश्किल में पड़ जाएंगे।
सरकार ने इस मामले में बैकफुट पर आते हुए बताया कि शाम साढ़े 7 बजे तक जीरा को रिहा कर दिया जाएगा। यह था मामला बीडीपीओ दफ्तर में धरना देने और काम में रुकावट डालने के आरोप में कुलबीर जीरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।