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Lok Sabha Election 2024: श्रीराम लहर ने पंजाब कांग्रेस के हिंदू नेताओं की आवाज में भरा दम, बाहुल्य सीटों पर ठोकने लगे दावा

Lok Sabha Election 2024 पंजाब कांग्रेस के हिंदू नेताओं की आवाज में श्रीराम लहर ने दम भर दिया है। पार्टी के नेता अब हिंदू बाहुल्य सीटों पर हिंदू चेहरे की मांग करने लगे हैं। इसकी सबसे पहली आवाज अमृतसर सीट से बीते सोमवार को उठी। जहां पूर्व उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी के समर्थकों ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के समक्ष ही यह मांग उठाई।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Tue, 30 Jan 2024 09:31 PM (IST)
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श्रीराम लहर ने पंजाब कांग्रेस के हिंदू नेताओं की आवाज में भरा दम

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। Lok Sabha Election 2024: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से भले ही कांग्रेस ने दूरी बनाई हो, लेकिन इस आयोजन ने पंजाब में पार्टी के हिंदू नेताओं की आवाज में दम भर दिया है। पार्टी के नेता अब हिंदू बाहुल्य सीटों पर हिंदू चेहरे की मांग करने लगे हैं। इसकी सबसे पहली आवाज अमृतसर सीट से बीते सोमवार को उठी। जहां पूर्व उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी के समर्थकों ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के समक्ष ही यह मांग उठाई।

गुरजीत औजला दो बार जीत चुके हैं चुनाव

विशेष बात यह है कि इस सीट पर कांग्रेस के सांसद गुरजीत औजला दो बार चुनाव जीत चुके हैं। लुधियाना में भी अब हिंदू चेहरे को लोकसभा चुनाव में उतारने की मांग उठ रही है, जबकि इस सीट पर भी रवनीत बिट्टू का कब्जा है। बिट्टू लुधियाना सीट से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। अमृतसर और लुधियाना दोनों के सांसद सिख चेहरा हैं।

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पंजाब में भी श्रीराम लहर चल रही

हिंदू चेहरों को आगे लाने की मांग के पीछे नेताओं का तर्क है कि पूरे देश की तरह पंजाब में भी श्रीराम लहर चल रही है। ऐसे में हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों से हिंदू नेताओं को टिकट दिया जाता है तो इससे लाभ होगा। दूसरा, कांग्रेस के सांसद आइएनडीआइए के घटक दल आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन के पक्ष में रहे हैं। इस कारण प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक के नेताओं में इसे लेकर नाराजगी भी है। एक पहलू यह भी है कि कांग्रेस में कुछ महीने से हिंदू मतदाताओं के दूर होने के मुद्दे पर मंथन चल रहा है।

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आनंदपुर साहिब से मनीष तिवारी को दिया था टिकट

इस मुद्दे पर बीते दिसंबर में हिंदू नेताओं की प्रदेश स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें यह बात भी उभर कर सामने आई कि पार्टी हिंदू नेताओं को कम तवज्जो देती है। वहीं, टिकटों के बंटवारे में भी हिंदू नेताओं को नजरंदाज करती है। इसी बैठक में यह बात भी सामने आई थी कि कांग्रेस के नेता हिंदू समारोहों से दूरी बनाकर रहते हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर जालंधर और होशियारपुर की संरक्षित सीटों को छोड़ दें तो कांग्रेस ने केवल श्री आनंदपुर साहिब से मनीष तिवारी को ही टिकट दिया था। उन्होंने जीत भी हासिल की।