Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Diwali 2021 Pujan Timings: दीवाली पर महालक्ष्मी पूजन के 5 शुभ मुहूर्त, चतुर्ग्रही योग से बढ़ेगा धन धान्य

महालक्ष्मी पूजन के लिए इस बार पांच शुभ मुहूर्त हैं। वहीं एक ही राशि में चार ग्रह सूर्य बुध मंगल और चंद्रमा के होने से चतुर्ग्रही योग व महालक्ष्मी योग का दुर्लभ संयोग बना है। महालक्ष्मी योग का निर्माण चंद्र व मंगल के साथ मिलने से बन रहा है।

By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Thu, 04 Nov 2021 05:17 PM (IST)
Hero Image
महालक्ष्मी पूजन के लिए इस बार पांच शुभ मुहूर्त हैं। सांकेतिक चित्र।

शाम सहगल, जालंधर। दीवाली पर महालक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व है। मां लक्ष्मी के साथ भगवान श्री गणेश व श्री कुबेर की पूजा श्रद्धालुओं को मिलने वाले फल को कई गुणा बढ़ा देती है। महालक्ष्मी पूजन के लिए इस बार पांच शुभ मुहूर्त हैं। वहीं, एक ही राशि में चार ग्रह सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा के होने से चतुर्ग्रही योग व महालक्ष्मी योग का दुर्लभ संयोग बना है। महालक्ष्मी योग का निर्माण चंद्र व मंगल के साथ मिलने से बन रहा है। इस दुर्लभ योग के बीच शुभ मुहूर्त पर पूजा से धन-धान्य में वृद्धि होती है। कार्तिक कृष्ण अमावस्या वीरवार (चार नवंबर) को सुबह छह बजकर तीन मिनट से शुरू हो रही है और पांच नवंबर सुबह दो बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन प्रदोषकाल से लेकर अर्धरात्रि तक श्री महालक्ष्मी पूजन करने से जप, तप, यज्ञ व दान का फल कई गुणा अधिक मिलता है।

दीपावली पूजन शुभ मुहूर्तः शाम 6.09 बजे से लेकर रात 8.20 बजे तक

ऐसे करें लक्ष्मी पूजा

जालंधर के ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ के अनुसार पूजा के समय पूजा स्थल पर गणोश, लक्ष्मी व विष्णु जी की प्रतिमा रखें। इन सभी के नीचे लाल कपड़ा बिछाएं। प्रतिमा के आगे देसी घी का दीया और सरसों के तेल का चौमुखी दीया जलाएं। साथ ही एक थाली में गोमती चक्र, कौड़ियां, हल्दी की गांठ, छोटा नारियल, मोती शंख, चांदी का सिक्का, लाल गुंजा, कमल गट्टे की माला, लक्ष्मी यंत्र और अक्षत रखें। लक्ष्मी मां को कमल का पुष्प अर्पित करें। इसके बाद गणोश जी से पूजा की शुरुआत करें।

इन राशियों के लिए सबसे अच्छा समय: मेष, सिंह, मिथुन, वृश्चिक, धनु और मकर पर विशेष कृपा रहेगी।

लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि का आरंभ: चार नवंबर सुबह छह बजकर तीन मिनट से।

अमावस्या तिथि का समापन: पांच नवंबर को तड़के दो बजकर 44 मिनट पर

प्रदोष काल समय: शाम पांच बजकर 34 मिनट से आठ बजकर 10 मिनट तक।

वृषभ काल: शाम छह बज कर नौ मिनट से आठ बजकर चार मिनट तक।

सिंह काल: रात 12 बज कर 42 मिनट से दो बज कर 59 मिनट तक।

चौघड़िया मुहूर्त: दोपहर 12 बज कर 10 मिनट से एक बज कर 35 मिनट तक। यह समय दुकान, फैक्ट्री, व्यापारिक स्थल पर पूजा करने के लिए श्रेष्ठ रहेगा।

मंत्रः 

ओम श्रीं ह्रीं कमले कमलालये।

प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।

ओम श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ओम स्वाहा।