'अब घोषणाओं की जगह आगे की दूंगा गारंटी' अशोक गहलोत बोले- कोटा में छात्र-छात्राओं को मरते हुए नहीं देख सकते
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैने घोषणाएं करने में कमी नहीं रखी है। अब विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। घोषणाएं तो कर नहीं सकेंगे इसलिए सोच रहा हूं कि अब मैं घोषणाएं करने के स्थान पर आगे के लिए गारंटी देना शुरू कर दूं। प्रदेश में फिर से सरकार बनते ही आपको दी हुई गारंटी को पूरा करूंगा।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैने घोषणाएं करने में कमी नहीं रखी है। अब विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। घोषणाएं तो कर नहीं सकेंगे, इसलिए सोच रहा हूं कि अब मैं घोषणाएं करने के स्थान पर आगे के लिए गारंटी देना शुरू कर दूं। प्रदेश में फिर से सरकार बनते ही आपको दी हुई गारंटी को पूरा करूंगा। गहलोत शुक्रवार को जयपुर में राज्य सरकार की ओर से आयोजित राजीविका सखी सम्मेलन में बोल रहे थे।
सीएम ने कहा कि आप नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों को कोचिंग संस्थानों में दाखिला दिलाकर अपराध कर रहे हैं। यह माता-पिता की भी गलती है. छात्रों पर बोर्ड परीक्षाओं को पास करने और प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने का बोझ है...यह सुधार का समय है क्योंकि हम युवा छात्रों को आत्महत्या करते हुए नहीं देख सकते। एक भी बच्चे की मौत माता-पिता के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
20 अगस्त से होगी गारंटी कार्ड बांटने की शुरुआत
सीएम ने कहा कि हम एक करोड़ महिलाओं को आगे नि:शुल्क स्मार्टफोन देने के लिए गारंटी कार्ड देने जा रहे हैं। 20 अगस्त से गारंटी कार्ड बांटने की शुरुआत करने जा रहे हैं। गारंटी कार्ड लेने वाली महिलाओं को आगे फ्री स्मार्टफोन मिलेंगे। महंगाई राहत शिविरों के जरिए भी दस तरह की गारंटी दी गई है। महिलाओं के लिए काफी योजनाएं बनाई गई है। सीएम ने कहा
हम 2030 तक विकसित राजस्थान बनाने के लिए विजन-2030 के तहत सुझाव ले रहे हैं। महिलाएं भी विजन के लिए अपने सुझाव दें कि 2030 तक क्या होना चाहिए।
कोटा में छात्रों की आत्महत्याओं पर सीएम ने निर्देश दिए
देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध राजस्थान के कोटा में छात्र-छात्राओं की बढ़ती आत्महत्या के मामलों पर सीएम गहलोत ने चिंता जताते हुए कोचिंग संस्थाओं एवं हास्टल संचालकों से खुशनुमा माहौल बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं पर पढ़ाई का अधिक बोझ डालने के स्थान पर बेहतर तरीके से पढ़ाई का रास्ता तलाशने के निर्देश दिए हैं।
सीएम ने कहा,बच्चों को मरते हुए नहीं देख सकते हैं। बच्चों के आत्महत्या करने की नौबत नहीं आनी चाहिए।कोचिंग छात्र-छात्राओं पर मानसिक दबाव कम होना चाहिए।
सीएम ने कोचिंग एवं हास्टल संचालकों के साथ किया संवाद
सीएम ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोचिंग एवं हास्टल संचालकों के साथ संवाद किया। सरकार ने अब तय किया है कि पंखे से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या करने के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंखों में एंटी हैंडिंग डवाइस लगाए जाएंगे। छात्र-छात्राओं की नियमित तौर पर काउंसलिंग होगी। कोचिंग संस्थानों को रविवार का अवकाश रखना होगा। रविवार को साप्ताहिक टेस्ट नहीं होंगे।
कोटा में अब तक 18 विद्यार्थियों ने की आत्महत्या
उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों एवं हास्टलों में छात्र-छात्राओं के लिए साइकोलाजिकल जांच करवानी होगी। अभिभावकों को भी समझाया जाएगा कि वे अपनी उम्मीदों का बच्चों पर दबाव नहीं बनाएं। उल्लेखनीय है कि इस साल में अब तक 18 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है।