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Jaipur: पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं के साथ बदसलूकी के विरोध में BJP का प्रदर्शन, कार्यकर्ताओं ने दी गिरफ्तारी

राजस्थान के जयपुर में शनिवार को पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं के साथ पुलिस की बदसलूकी के विरोध में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी। उन्होंने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ धरना भी दिया।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Sat, 11 Mar 2023 07:36 PM (IST)
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Rajasthan: पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं के साथ बदसलूकी के विरोध में BJP का प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, जयपुर। भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा और पुलवामा बलिदानियों की वीरांगनाओं के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई बदसलूकी के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जयपुर सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने-प्रदर्शन किए। जयपुर में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य ओमप्रकाश माथुर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेद,राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और विधानसभा में भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ दिया धरना

भाजपा कार्यकर्ताओं ने पहले पार्टी मुख्यालय के निकट अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ धरना दिया और फिर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पार्टी कार्यकर्ता सिविल लाइंस पुलिया की तरफ बढ़े तो पुलिसकर्मियों के साथ उनका टकराव हुआ। पुलिसकर्मियों ने आगे बढ़ रहे भाजपाईयों को रोकने का प्रयास किया तो धक्कामुक्की हुई। इस बीच कुछ कार्यकर्ताओं ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव कर दिया। इस पर पुलिसकर्मियों ने हल्का बल प्रयोग किया।

पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड पार करने के प्रयास के दौरान पूनिया के पैर में चोट लग गई। विधायक मदन दिलावर पुलिस के जवानों के पैरों में सो गए,जिन्हे बड़ी मुश्किल से खड़ा किया गया ।विरोध प्रदर्शन के बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी। जिन्हे पुलिस के जवानों में अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर छोड़ा गया।

पायलट बोले, बात सुननी चाहिए

पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने टोंक में कहा कि बलिदानियों की वीरांगनाओं की बात सुननी चाहिए। उनकी मांग मानना या नहीं मानना बाद का मुद्दा है। जहां तक नौकरी की बात है। किसी को एक-दो नौकरी देने से बदलाव आने वाला नहीं है। हम अगर किसी को कुछ नहीं भी देना चाहें तो बैठकर मिलकर संवेदनशील होकर समझाएं तो मामला बेहतर बन सकता है। पायलट ने कहा कि हमारे सैनिक देश की सरहद पर खड़े होकर गोली खा रहे हैं। वे किसी जाति, धर्म या विचारधारा के लिए नहीं, पूरे देश के लिए खड़े हैं।

यह है मामला

तीन बलिदानियों हेमराम मीणा, रोहिताश लांबा और जीतराम गुर्जर की वीरांगनाओं ने मीणा के साथ 11 दिन तक जयपुर में विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया। उन्होंने पहले तो शहर के शहीद स्मारक और फिर पायलट के आवास के बाहर धरना दिया। पायलट के आवास के बाहर धरना देकर वे कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी से मिलवाने की मांग कर रही थी।

इस बीच बृहस्पतिवार देर रात तीन बजे बलिदानियों की विधवाओं और उनके स्वजनों को पुलिसकर्मियों ने जबरन उठाकर एंबुलेंस से उनके गांव भेज दिया। तीनों को अस्पतालों में भर्ती करवाया। इस बीच मीणा शुक्रवार सुबह मीणा सामोद जा रहे थे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हे रास्ते में रोक लिया। इस दौरान धक्कामुक्की में मीणा के सिर और गर्दन में चोट लगी। उनके कपड़े फट गए । बाद में उन्हे जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है।

जयपुर के पास सामोद में पुलिस ने शुक्रवार को किरोड़ी लाल मीणा को हिरासत में ले लिया था। वे वीरांगनाओं से मिलने उनके गांव जा रहे थे। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और एसएमएस हॉस्पिटल रेफर किया गया था। भरतपुर के नगर अस्पताल में में बलिदानी जीतराम की पत्नी सुंदरी से मिलने पहुंची सांसद रंजीता कोली की पुलिसकर्मियों के साथ धक्कामुक्की हुई,जिससे उनके हाथ में फ्रेक्चर हो गया।

मांग और सरकार का तर्क

बलिदानी रोहताश और जीतराम की वीरांगना अपने देवरों को नौकरी देने की मांग कर रही है। सरकार का तर्क है कि नियमों में बच्चों को ही नौकरी देने का प्रावधान है। देवर को नौकरी देने का प्रावधान नहीं है। देवर को नौकरी देने से आगामी समय में उनके बच्चों को दिक्कत हो सकती है। हेमराज की वीरांगना अपने पति की मूर्ति गांव के चौराहे पर लगाने और स्कूल का नामकरण करने की मांग कर रही है। सरकार का कहना है कि हेमराज की दो मूर्ति लगाई जा चुकी है। सरकार का कहना है कि सभी बलिदानियों के स्वजनों को पूर्व में पैकेज दिया जा चुका है।