Rajasthan Political Crisis सचिन पायलट खेमा मैदान में, विधायक ने कहा- वोट हमारे और मलाई दूसरे खा रहे हैं
राजस्थान में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने अब अपने सब्र का बांध टूटने की बात आलाकमान तक पहुंचाई है। इस मामले में पायलट ने कहा कार्यकर्ताओं को उनका हक मिलना चाहिए। विधायक ने कहा वोट हमारे और मलाई दूसरे खा रहे हैं
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमा खुलकर मैदान में आने की तैयारी में है। पायलट ने पिछले 11 माह में सुलह कमेटी की एक भी बैठक नहीं होने और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान नहीं होने पर पार्टी आलाकमान के समक्ष नाराजगी जताई है। पायलट ने तीन दिन पहले प्रदेश प्रभारी अजय माकन से कहा कि पंजाब प्रकरण के समाधान के लिए तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर विवाद के समाधान की कोशिश होने लगी है। लेकिन राजस्थान के मामले में आलाकमान ध्यान नहीं दे रहा।
पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने अब अपने सब्र का बांध टूटने की बात आलाकमान तक पहुंचाई है। इस मामले में जब पायलट से बात की गई तो उन्होंने कहा,कार्यकर्ताओं को उनका हक मिलना चाहिए। उधर पायलट के विश्वस्त विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने एक बार फिर अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दलित और अल्पसंख्यक केवल चुनाव के वक्त याद आते हैं। सोलंकी ने कहा कि दलित और अल्पसंख्यकों के वोटों से कांग्रेस चुनाव जीतती है,लेकिन सरकार में इन वर्गाें की ही उपेक्षा हो रही है। एक बातचीत में सोलंकी ने कहा कि जहां अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यकों के वोट नहीं मिलते वहां कांग्रेस के नेता चुनाव लड़कर देख ले कि क्या चुनाव परिणाम रहता है। वहां हार होगी।
उन्होंने कहा,वोट हमारे और मलाई दूसरे खा रहे हैं ऐसा नहीं चलेगा। सोलंकी ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि 10 माह से केबिनेट में एक भी दलित केबिनेट मंत्री नहीं है,हम जैसे दलित विधायक केस के सामने दुखड़ा रोएं । सोलंकी ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए जिन लोगों ने लाठियां खाई,तत्कालीन भाजपा सरकार में आंदोलन किए वे आज परेशान है और पांच साल तक एयरकंडिशन में बैठने वाले सत्ता का मजा ले रहे हैं । कार्यकर्ता देखते रह गए और सेवानिवृत अधिकारियों को नियुक्तियां दी जा रही है ।
दलितों के खिलाफ फैसलों में सीएम के खास मंत्री का हाथ
राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर चुनाव जीतकर गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सुभााष गर्ग पर निशाना साधते हुए सोलंकी ने कहा कि दलितों के खिलाफ फैसलों में उन्ही का हाथ है । गर्ग ने ही मुख्यमंत्री से गलत फैसले करवाए हैं। वे गहलोत के खास हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या गर्ग ही पूरे राजस्थान की राजनीति समझते हैं। सोलंकी ने कहा कि दलित समाज से भरोसी लाल जाटव और टीकाराम जुली को राज्यमंत्री बना रखा है। लेकिन उन्हे नाम मात्र के विभागों में केबिनेट मंत्री के सहयोगी के रूप में लगा रखा है। ये दोनों एक या दो मंत्रिमंडलीय कमेटी में हैं, जबकि गर्ग 9 को 9 कमेटियों में शामिल किया गया है।
सोलंकी ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात कर सत्ता व संगठन में हो रहे फैसलों को लेकर अपनी नाराजगी जताई। जानकारी के अनुसार पायलट खेमे के विधायकों ने मंगलवार को अनौपचारिक रूप से बैठक कर आगे की रणनीति तय की।