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Devshayani Ekadashi 2024: बेहद खास है देवशयनी एकादशी, जानें क्या करें और क्या न करें?

आषाढ़ माह में देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 को है। मान्यता है कि इस दिन इस दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं और कार्तिक माह में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी पर जागृत होते हैं। माना जाता है कि देवशयनी एकादशी पर कुछ कार्यों को करने से श्री हरि नाराज होते हैं। आइए जानते हैं कि देवशयनी एकादशी व्रत से संबंधित नियम के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 10 Jul 2024 12:07 PM (IST)
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Devshayani Ekadashi 2024 Vrat Niyam: देवशयनी एकादशी व्रत नियम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kab Hai Devshayani Ekadashi 2024: हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से साधक के जन्म-जन्मांतर में किए सभी पाप कट जाते हैं। आषाढ़ माह में देवशयनी एकादशी व्रत किया जाता है। इस दिन नियमों पालन जरूर करना चाहिए।

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देवशयनी एकादशी पर क्या करें?

  • इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण करने चाहिए, क्योंकि प्रभु को पीला रंग प्रिय है।
  • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
  • एकादशी व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
  • इसके अलावा धन, अनाज और वस्त्र का दान करना चाहिए।
  • प्रभु के भोग में तुलसी के पत्ते को अवश्य शामिल करना चाहिए।

देवशयनी एकादशी पर क्या न करें?

  • देवशयनी एकादशी के दिन तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए।
  • इसके अलावा चावल के सेवन से दूर रहें।
  • एकादशी तिथि पर महिला और बड़े बुजुर्गों का अपमान न करें।
  • एकादशी पर तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है।
  • किसी के प्रति मन में गलत विचार धारण न करें।

कब है देवशयनी एकादशी 2024

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई 2024 को रात्रि 08 बजकर 33 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इसका समापन 17 जुलाई को रात 09 बजकर 02 मिनट पर होगा। ऐसे में इस वर्ष देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024, बुधवार के दिन मनाई जाएगी।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।