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Kuber Ji Ki Aarti: आज पूजा के समय करें कुबेर महाराज की आरती, सुख और सौभाग्य में होगी अपार वृद्धि

Kuber Ji Ki Aarti धार्मिक मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना करने से साधक के जीवन में सुख और सौभाग्य का आगमन होता है। साथ ही धन संबंधी परेशानी दूर होती है। अत साधक श्रद्धा भाव से मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा-आराधना करते हैं। अगर आप भी धन के देवता की कृपा पाना चाहते हैं तो पूजा के समय कुबेर देव की आरती करें।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 25 Aug 2023 07:00 AM (IST)
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Kuber Ji Ki Aarti: आज पूजा के समय करें कुबेर महाराज की आरती, सुख और सौभाग्य में होगी अपार वृद्धि

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Kuber Ji Ki Aarti: शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर देव को समर्पित होता है। इस दिन श्रद्धा भाव से मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही मां लक्ष्मी के निमित्त व्रत उपवास भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना करने से साधक के जीवन में सुख और सौभाग्य का आगमन होता है। साथ ही धन संबंधी परेशानी दूर होती है। अत: साधक श्रद्धा भाव से मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा-आराधना करते हैं। अगर आप भी धन के देवता की कृपा पाना चाहते हैं, तो आज पूजा के समय कुबेर देव की आरती जरूर करें। कुबेर देव की आरती करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है। आइए, कुबेर देव की आरती करें-

कुबेर जी की आरती

ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,

स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।

शरण पड़े भगतों के, भंडार कुबेर भरे।

॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे ॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,

स्वामी भक्त कुबेर बड़े।

दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥

॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे ॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे,

स्वामी सिर पर छत्र फिरे।

योगिनि मंगल गावैं, सब जय जयकार करैं॥

॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे ॥

गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे,

स्वामी शस्त्र बहुत धरे।

दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करे॥

॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,

स्वामी व्यंजन बहुत बने।

मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने॥

॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे॥

यक्ष कुबेर जी की आरती,

जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे ।

कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे।

ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,

स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।

अष्टलक्ष्मी कुबेर मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय

अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥

धन प्राप्ति हेतु कुबेर मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥

कुबेर अमोघ मंत्र

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये

धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥

डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'