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Ganesh Chaturthi 2022: आज होगी गणेश जी की विदाई, जानिए विसर्जन की संपूर्ण विधि

Ganesh Chaturthi 2022 Visarjan Vidhi अगर इस बार आपने भी भगवान श्री गणेश की मूर्ति घर में स्थापित किया है तो उसे विसर्जित करने से पहले उसकी पूजा-विधि जरूर जान लें। जिससे गणपति बप्पा की कृपा बनी रहे।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 01:00 PM (IST)
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Ganesh Chaturthi 2022: कैसे करें गणपति बप्पा की विदाई, जानिए विसर्जन की संपूर्ण विधि

नई दिल्ली, Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी को मूर्ति स्थापित करने के बाद कोई गणेश पूजा डेढ़ दिन करता है, तो कोई तीन, पांच, सात, नौ या फिर पूरे दस दिन करता है। ये बात उस व्यक्ति के ऊपर निर्भर है कि वह श्रद्धाभाव के साथ कितने दिनों तक गणपति बप्पा की सेवा कर सकता है। तय समय के बाद जल में भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जित कर दी जाती है। जानिए गणेश जी का विसर्जन का शुभ मुहूर्त और विधि।

आज अनंत चतुदर्शी के साथ गणेश उत्सव का समापन हो गया है। आज देशभर में गणपति जी का विसर्जन बड़े ही धूमधाम के साथ किया जा रहा है। गणेश चतुर्थी से शुरू हुआ ये पर्व अनंत चतुर्थी के साथ समाप्त हो जाता है।

Anant Chaturdashi 2022: अनंत चतुर्दशी आज, जानिए गणपति विसर्जन का मुहूर्त

ऐसे करें गणेश जी का विसर्जन

  • शास्त्रों के अनुसार, विसर्जन वाले दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना करें।
  • फूल, माला, दूर्वा, नारियल, अक्षत, हल्दी, कुमकुम आदि चढ़ाएं।
  • पान, बताशा, लौंग, सुपारी आदि चढ़ाने के साथ मोदक, लड्डू आदि का भोग लगा दें।
  • अब घी का दीपक, धूप जलाने जलाने के साथ ऊं गं गणपतये नमः: का जाप करें।
  • थोड़ी देर बाद एक साफ सुथरा चौकी या फिर पाटा लें। इसे गंगाजल से पवित्र कर लें।
  • इसके बाद इसमें स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और थोड़ा सा अक्षत डाल दें।
  • इसके बाद इसमें लाल या पीला रंग का वस्त्र बिछा दें।
  • अब वस्त्र के ऊपर फूल और चारों कोनों में सुपारी रख दें।
  • अब भगवान गणेश की मूर्ति उठाकर इस पाटे में रख दें।
  • अब भगवान क चढ़ाया गया सामान यानि मोदक, सुपारी, लौंग, वस्त्र, दक्षिणा, फूल, फूल आदि एक कपड़े में बांध लें और गणेश जी की मूर्ति के बगल में रख दें।
  • अगर नदी, तालाब या पोखर के किनारे विसर्जन कर रहे हैं तो कपूर से आरती कर लें। इसके बाद खुशी-खुशी विदा करें।
  • गणपति जी को विदा करते समय अगले साल आने की कामना करें। इसके साथ ही भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
  • इसके साथ ही सभी वस्त्र और पूजन सामग्री आदर के साथ प्रवाहित कर दें।
  • अगर भगवान गणेश की इको फ्रेंडली मूर्ति है, तो घर में ही एक बड़े साफ गहरे बर्तन में पानी भरकर उसमें विसर्जित कर दें।
  • जब मूर्ति पानी में घुल जाए, तब इसके पानी को गमले में डाल दें और उस पौधे को हमेशा पास रखें।

क्यों जरूरी है मूर्ति का विसर्जन

हिंदू धर्म के वेद पुराणों में बताया गया है कि सभी देवी-देवताओं को मंत्रों से बांधा जाता है। कई तरह के शुभ अवसरों में इन्हीं मंत्रों का पाठ करके उनका आह्वान करते हैं। फिर इन्हें अपने लोक में बुलाकर मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा करते हैं। इसलिए इन देवी-देवताओं का विसर्जन करना बेहद जरूरी है। सिर्फ मां लक्ष्मी और सरस्वती को विसर्जित नहीं किया जाता है। बाकी सभी देवी-देवताओं का विसर्जन जरूर करें।

Pic Credit-  Facebook/Shalinisingh

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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