Kaal Bhairav Stuti: आज के दिन करें काल भैरव स्तुति, बनी रहेगी कृपा
Kaal Bhairav Stuti आज शिव जी के रौद्र रूप काल भैरव की जयंती है। आज ही के दिन काल भैरव का अवतरण हुआ था। कहा जाता है कि इनका अवतरण मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था।
Kaal Bhairav Stuti: आज शिव जी के रौद्र रूप काल भैरव की जयंती है। आज ही के दिन काल भैरव का अवतरण हुआ था। कहा जाता है कि इनका अवतरण मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति को उसके जीवन में किसी भी तरह की परेशानी, व्यापार में हानि, जीवन में कठिनाइयां, शत्रु पक्ष से होने वाली परेशानियां जैसी चीजों को झेलना पड़ रहा है तो उस व्यक्ति को भैरव स्तुति का पाठ अवश्य करना चाहिए।
मान्यता है कि अगर व्यक्ति को अपनी कोई मनोकामना पूर्ण करनी हो तो उसे सच्चे मन से भगवान श्री काल भैरव की पूजा करनी चाहिए। इसे भैरव अष्टमी और भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा व्यक्ति को काल भैरव की पूजा करते समय भैरव स्तुति का पाठ भी अवश्य करना चाहिए। इससे काल भैरव भगवान प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति पर विशेष कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं।
भैरव स्तुति:
ॐ जै-जै भैरवबाबा स्वामी जै भैरवबाबा।
नमो विश्व भूतेश भुजंगी मंजुल कहलावा
उमानंद अमरेश विमोचन जनपद सिरनावा।
काशी के कृतवाल आपको सकल जगत ध्यावा।
स्वान सवारी बटुकनाथ प्रभु पी मद हर्षावा। ॐ।।
रवि के दिन जग भोग लगावे मोदक मन भावा।
भीषण भीम कृपालु त्रिलोचन खप्पर भर खावा।
शेखरचंद्र कृपालु शशि प्रभु मस्तक चमकावा।
गल मुण्डन की माला सुशोभित सुन्दर दरसावा। ॐ।।
नमो-नमो आनंद कंद प्रभु लट गत मठ झावा।
कर्ष तुण्ड शिव कपिल त्रयम्बक यश जग में छावा।
जो जन तुमसे लगावत संकट नहिं पावा।
छीतरमल जब शरण तुम्हारी आरती प्रभु गावा।
ॐ जै-जै भैरवबाबा स्वामी जै भैरवबाबा।
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