Kamika Ekadashi Puja Vidhi : जानिये कामिका एकादशी की पूजा विधि और सामग्री, कब है शुभ मुहूर्त
Kamika Ekadashi Katha सावन के कृष्ण पक्ष में कामिका एकादशी 4 अगस्त दिन बुधवार को पड़ रहा है। इस एकादशी में भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस एकादशी में तुलसी के पत्तों को इस्तेमाल किया जाता है।
Kamika Ekadashi Puja Vidhi : सावन मास आरंभ हो चुका है। इस माह मे पड़ने वाले सभी पर्व और त्योहार का बहुत महत्व होता है। सावन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार सावन के कृष्ण पक्ष में कामिका एकादशी 4 अगस्त दिन बुधवार को पड़ रहा है। इस एकादशी में भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस एकादशी में तुलसी के पत्तों को इस्तेमाल किया जाता है। कामिका एकादशी से व्यक्ति के सारे पाप धूल जाते हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। आइये जानते है मुहूर्त, पूजा विधि और पूजा सामग्री क्या हैं।
कामिका एकादशी तिथि
सावन कृष्ण पक्ष की एकादशी प्रारंभ : 03 अगस्त दिन मंगलवार, दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से
सावन कृष्ण पक्ष की एकादशी समापन : 04 अगस्त दिन बुधवार, दोपहर 3 बजकर 17 मिनट तक
उदया तिथि के अनुसार इस साल कामिका एकादशी व्रत 04 अगस्त दिन बुधवार को रखा जाएगा।
देवशयनी एकादशी पूजा-विधि
प्रातः काल सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लेना चाहिए। उसके बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करके पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत जरूर रखें। भगवान की आरती करके भोग लगाएं। परंतु इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाना है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
कामिका एकादशी पूजा सामग्री
कामिका एकादशी पूजा के समय इन सभी चीजों का होना अनिवार्य है पुष्प, नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन और मिष्ठान आदि
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'