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Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर्व आज, इस शुभ मुहूर्त में करें आदियोगी की पूजा, जानिए पूजा विधि और मंत्र

Mahashivratri 2023 Shubh Muhurat And Puja Vidhi महाशिवरात्रि पर चार प्रहर में चार बार शिव जी की पूजा करने का विधान है। इसलिए चार बार पूजा करने के साथ मंत्रों का पाठ करना चाहिए। जानिए महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और मंत्र

By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Sat, 18 Feb 2023 09:06 AM (IST)
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Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि का 4 प्रहर का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

नई दिल्ली, Mahashivratri 2023 Shubh Muhurat And Puja Vidhi: आज देशभर में महाशिवरात्रि पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हर साल यह पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का शुभ विवाह हुआ था। इसी कारण महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस साल महाशिवरात्रि पर काफी खास संयोग बन रहे हैं। जानिए महाशिवरात्रि के चार प्रहर का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र। 

महाशिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त ((Mahashivratri 2023 Muhurat)

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि 17 जनवरी को रात्रि 8 बजकर 2 मिनट से शुरू हो रही है, जो 18 फरवरी को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी।

सर्वार्थ सिद्धि योग- महाशिवरात्रि पर शाम 04 बजकर 12 से शाम 06 बजकर 03 मिनट तक

महाशिवरात्रि 2023 पूजा के चार प्रहर ((Mahashivratri 2023 Char Prahar Muhurat)

शास्त्रों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में की जाती है। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि में निशीथ काल पूजा मुहूर्त- 18 फरवरी को रात 12 बजकर 16 मिनट से 1 बजकर 6 मिनट तक

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय- 18 फरवरी शाम 06 बजकर 45 मिनट से रात्रि 09 बजकर 35 मिनट तक

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- 18 फरवरी रात्रि 09 बजकर 35 मिनट से 19 फरवरी मध्यरात्रि 12 बजकर 24 मिनट तक

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय- 19 फरवरी मध्यरात्रि 12 बजकर 24 मिनट से प्रातः 03 बजकर 14 मिनट तक

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय- 19 फरवरी प्रातः 03 बजकर 14 मिनट से सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक

महाशिवरात्रि व्रत पारण का समय ((Mahashivratri 2023 C Puja vidhi)

महाशिवरात्रि व्रत का पारण मुहूर्त -19 फरवरी को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से दोपहर 3 बजकर 33 मिनट तक

महाशिवरात्रि 2023 पूजा विधि

  • इस दिन सूर्योदय से समय उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। लेकिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
  • अगर व्रत रख रहे हैं, तो शिव जी का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • मंदिर जाकर शिवलिंग में जलाभिषेक, दूधाभिषेक आदि करें।
  • शिवलिंग में बेलपत्र, धतूरा, फूल, बेर, जौ की बाली आदि चढ़ाएं।
  • इसके बाद भोग लगाएं और जल चढ़ाएं।
  • अंत में विधिवत आरती करने के साथ चालीसा, मंत्र, स्त्रोत और कथा का पाठ करें।
  • इसके साथ ही दिनभर व्रत रखें और सभी नियमों का पालन करें।

महाशिवरात्रि में प्रहर के हिसाब से पूजा विधि (Mahashivratri 2023 Char Prahar Puja Vidhi)

अगर आप प्रहर के हिसाब से शिव जी की पूजा करना चाहते हैं, तो शिवलिंग स्नान के लिए रात्रि के प्रथम प्रहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घृत और चौथे प्रहर में शहद से स्नान कराएं। इसके साथ ही स्नान कराते समय प्रहर के हिसाब से इन मंत्रों का जाप करें।

प्रथम प्रहर में- 'ह्रीं ईशानाय नमः'

दूसरे प्रहर में- 'ह्रीं अघोराय नम:'

तीसरे प्रहर में- 'ह्रीं वामदेवाय नमः'

चौथे प्रहर में- 'ह्रीं सद्योजाताय नमः

महाशिवरात्रि मनाने का कारण ((Mahashivratri 2023 Why we Celebrate )

फाल्गुन कृष्ण चतुर्दश्याम आदिदेवो महानिशि।

शिवलिंग तयोद्भूत: कोटि सूर्य समप्रभ:॥

ईशान संहिता में दिए इस श्लोक के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महानिशीथकाल में भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए थे। इस कारण इस दिन शिवलिंग की पूजा करना शुभ माना जाता है।

वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का शुभ विवाह हुआ था।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।