Masik Durgashtami 2023: साल की आखिरी मासिक दुर्गाष्टमी आज, यहां पढ़ें व्रत विधि
Masik Durgashtami 2023 Date हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष में पढ़ने वाली अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी मुख्यतः मां दुर्गा को समर्पित मानी गई है। इस दिन देवी दुर्गा की उपासना करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में माना गया है कि माता दुर्गा अपने भक्तों को सुरक्षा प्रदान करती हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Durgashtami Vrat 2023: हिंदू धर्म में हर महीने पड़ने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व है। प्रत्येक मास में दो बार अष्टमी आती है, जिसमें से शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मासिक दुर्गाष्टमी अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन व्रत आदि करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं मार्गाशीर्ष माह में पड़ने वाली मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत कैसे करें।
मासिक दुर्गाष्टमी तिथि (Masik Durgashtami Tithi)
मार्गाशीर्ष मासिक दुर्गाष्टमी तिथि का प्रारम्भ 19 दिसंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 06 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इसका समापन 20 दिसंबर के दिन सुबह 11 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 20 दिसंबर को किया जाएगा।
मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं। इसके बाद मां दुर्गा का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इस दिन पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र पहनें। घर और मंदिर की अच्छे से सफाई करने के बाद पूरे घर को गंगाजल का छिड़कर करें। इसके बाद पूजा के स्थान पर एक चौकी बिछाएं और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
पूजा के दौरान देवी मां को सोलह श्रृंगार की साम्रगी अर्पित करें। क्योंकि लाल रंग मां दुर्गा का प्रिय रंग माना गया है, ऐसे में माता रानी को लाल चुनरी, लाल रंग का पुष्प जरूर अर्पिक करें। आप मां दुर्गा को भोग के रूप में मिठाई, नारियल और शरीफा अर्पित करें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर माता की आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बाटें।
करें इस मंत्र का जाप
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करने से साधक को विशेष फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में मां दुर्गा के इस मंत्र का जाप जरूर करें -
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
इस तरह खोलें व्रत
मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा पूरी होने के बाद प्रसाद दूसरों को देकर अपना व्रत समाप्त करें। इस दिन शाम के समय गेहूं और गुड़ से बने खाद्य साम्रगी से अपना व्रत खोल सकते हैं।
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