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Shiv Ji Aarti: सावन माह में सुबह-सुबह करें शिव जी की आरती, पूरी होगी हर मनोकामना

Shiv Ji Aarti सनातन धर्म में सावन के महीने को बहुत ही पवित्र माना गया है। यह समय शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है। ऐसे में भगवान शिव की आराधना और उनकी आरती करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए पूजा के दौरान शिव जी की आरती जरूर करें। आइए पढ़ते हैं शिव जी की आरती।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sat, 22 Jul 2023 09:12 AM (IST)
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Shiv Aarti सुबह-सुबह करें शिव जी की आरती।

नई दिल्ली, अध्यात्म। Shiv Ji Aarti: इस वर्ष यानी 2023 में सावन का महीना और भी विशेष होने वाला है क्योंकि 19 वर्षों बाद सावन मास और पुरुषोत्तम मास एक साथ आ रहे हैं। इस कारण इस माह का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसे में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते समय भगवान शिव की आरती जरूर करें। इससे आपको पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है।

आरती का महत्व

सनातन धर्म में माना गया है कि कोई भी पूजा बिना आरती के पूरी नहीं होती। आरती को “आरार्तिक’ और “नीरंजन” भी कहा जाता है। आरती व्यक्ति के आत्म बल को बढ़ाने में मदद करती है। इतना ही नहीं परिवार के साथ मिलकर की गई आरती से सदस्यों के बीच सामंजस्य भी बढ़ाता है।

भगवान शिव की आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'