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Brahma Muhurta: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर करें इन मंत्रों का जाप, बदल जाएगी जीवन की दशा

Brahma Muhurta हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का बहुत अधिक महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय में देवी-देवता पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं और इस मुहूर्त में जागने वाले जातकों पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में किन मंत्रों का जाप करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 05 Dec 2023 05:43 PM (IST)
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Brahma Muhurta ब्रह्म मुहूर्त में उठकर करें इन मंत्रों का जाप।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Brahma Muhurta: ब्रह्म मुहूर्त को न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से लाभकारी माना गया है बल्कि इसके स्वास्थ्य पर भी कई लाभ हैं। ईश्वर की आाराधना के लिए यह समय सबसे बेहतर माना गया है। ऐसे में यदि आप ही ब्रह्म मुहूर्त में उठने की आदत डालते हैं, तो निश्चित रूप से आपको इसका लाभ मिलता है। साथ ही हिंदू धर्म में कुछ ऐसे काम में बताए गए हैं, जिन्हें ब्रह्म मुहूर्त में करने से साधक को आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है।

ब्रह्म मुहूर्त का समय

यहां ब्रह्म का अर्थ है- परमात्मा, ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ हुआ 'परमात्मा का समय'। हिंदू धर्म में सुबह 4 बजे से सुबह 5:30 के बीच का समय ब्रह्म मुहूर्त माना गया है। यह भी माना जाता है कि जो साधक इस मुहूर्त में उठते हैं, उनके ऊपर सदैव लक्ष्मी मां की कृपा बरसती रहती है।

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे

धार्मिक मान्याओं के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में उठने की आदत व्यक्ति को जीवन में अपार सफलता दिलाने में सहायक हो सकती है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति का शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। जो सेहत की दृष्टि से बहुत लाभकारी है। जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठने की आदत डालता है उसे बुद्धि के साथ-साथ सौंदर्य की भी प्राप्ति होती है।

करें इन मंत्रों का जाप (Brahma Muhurta Mantra)

सुबह ब्रह्म मुहूर्त उठते ही सबसे पहले अपनी हथेली को देखें और इस मंत्र का जाप करें -

कराग्रे वसति लक्ष्मीः,कर मध्ये सरस्वती।

करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।'

इस मंत्र का अर्थ है कि हथेलियों में मां लक्ष्मी, देवी सरस्वती और भगवान विष्णु का निवास है और में सुबह-सुबह उनके दर्शन कर रहा हूं।

ये है चमत्कारी मंत्र

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद सुखासन में बैठ जाएं। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करके इस मंत्र का जाप करें -

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।

गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु॥

इस मंत्र का जाप करने से साधक को देवी-देवताओं कीक कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सभी प्रकार की नकारात्मकता का विनाश होता है।

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