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Chaitra Navratri 2024 Day 3: चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन आयुष्मान योग समेत बन रहे हैं ये 5 शुभ संयोग

धर्म शास्त्रों में मां चंद्रघंटा की महिमा का गुणगान किया है। मां चंद्रघंटा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं तो दुष्टों का संहार करती हैं। धार्मिक मत है कि मां की पूजा से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। साथ ही जीवन में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मां की कृपा से व्यक्ति को नया जीवन मिलता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 10 Apr 2024 06:50 PM (IST)
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Chaitra Navratri 2024 Day 3: चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन आयुष्मान योग समेत बन रहे हैं ये 5 शुभ संयोग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2024 Day 3: चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। मां चंद्रघंटा का रंग स्वर्ण है। ये दस भुजाधारी हैं। इनके दसों हाथ अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित है। मां सिंह की सवारी करती हैं। धर्म शास्त्रों में मां चंद्रघंटा की महिमा का गुणगान किया है। मां चंद्रघंटा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं, तो दुष्टों का संहार करती हैं। धार्मिक मत है कि मां की पूजा से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। साथ ही जीवन में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मां की कृपा से व्यक्ति को नया जीवन मिलता है। ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्लभ आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, कई अन्य मंगलकारी शुभ योग भी बन रहे हैं। आइए, योग के बारे में जानते हैं-

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प्रीति योग

चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन प्रातः काल प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 19 मिनट तक है। इसके पश्चात, आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। आयुष्मान योग 12 अप्रैल को सुबह 04 बजकर 30 मिनट तक है। इसके बाद सौभाग्य योग बन रहा है।

करण

ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन गर और वणिज करण का भी निर्माण हो रहा है। गर करण का योग दोपहर 03 बजकर 03 मिनट तक है। इसके बाद वणिज करण योग बन रहा है। इन योग में मां चंद्रघंटा की पूजा-साधना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।  

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजे से

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 07 बजकर 33 मिनट पर

चंद्रास्त-  रात 09 बजकर 53 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 15 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 03 बजकर 33 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक

दिशा शूल - दक्षिण

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डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'