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Chanakya Niti: अच्छे माता-पिता बनने की कसौटी पर खरे उतरते हैं आप? जानिए क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य भारत के सबसे बड़े विद्वान और अर्थशास्त्री रहे हैं। उन्होंने अपने नीति शास्त्र में सफलता पाने के कई नियम बताए हैं। इसी के साथ चाणक्य नीति के कुछ ऐसी बातों का भी जिक्र किया गया है जिनका ध्यान हर माता-पिता को अपने बच्चों के सामने जरूर ध्यान रखना चाहिए वरना बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 28 Aug 2024 05:54 PM (IST)
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Chanakya Niti: अच्छे माता-पिता बनने की कसौटी पर खरे उतरते हैं आप?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माता-पिता के व्यवहार का असर बच्चों के स्वभाव पर भी पड़ता है, क्योंकि बच्चे जो देखते हैं, वही सीखते हैं। कहा जाता है कि बच्चों का पहला विद्यालय उनका घर ही होता है और मां-बाप, गुरु की भूमिका निभाते हैं। ऐसे में माता-पिता को अपने बच्चों के सामने कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। चलिए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य के अनुसार, अपने बच्चों के सामने माता-पिता को कौन-से कार्य नहीं करनी चाहिए।

भूलकर भी न करें ये काम

आचार्य चाणक्य जी के अनुसार, माता-पिता को अपने बच्चों के सामने सोच समझ कर बोलना चाहिए। साथ ही उनके सामने सभ्य भाषा का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि अगर आप बच्चों के सामने अभद्र आचरण अनाएगें, तो आपके बच्चों पर भी इसका असर पड़ेगा।

ध्यान रखें ये बातें

अपने बच्चों के सामने अहंकार, द्वेष, क्रोध, किसी का अपमान करना या गाली-गलौज आदि नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से बच्चों में गलत संस्कार पैदा होते हैं, जो उनके भविष्य में उनके लिए बड़ी बाधा बन सकते हैं। कई बार माता-पिता झगड़े में बच्चों के सामने ही एक-दूसरे का अपमान कर देते हैं। लेकिन ऐसा करना बिल्कुल गलत है, इससे बच्चे भी यही आदत सीखते हैं और बड़ों का आदर नहीं करते।

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कभी न बोलें झूठ

माता-पिता को अपने बच्चों के आगे कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि जब उन्हें सच्चाई का पता लगता है, तो उनके मन में आपके प्रति आदर-सम्मान कम हो जाता है। साथ ही आपके झूठ बोलने से उनके अंदर भी झूठ बोलने की आदत पैदा हो सकती है।

गलत चीजों को मिलेगा बढ़ावा

बच्चों की छोटी-मोटी गलतियों को नजरअंदाज किया जा सकता है। लेकिन माता-पिता को कभी भी उनकी बड़ी-बड़ी गलतियों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर बच्चों को गलत चीजों के प्रति प्रोत्साहन मिलता है और आगे चलकर वह सही-गलत के बीच अंतर नहीं कर पाते।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।