Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Gayatri jayanti 2022: वेदों की जननी मां गायत्री की जयंती आज, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि

Gayatri Jayanti 2022 निर्जला एकादशी और गायत्री जयंती एक साथ होने से इस तिथि का महत्व और बढ़ जाता है। भगवान विष्णु के साथ माता गायत्री की पूजा करने से हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है। जानिए गायत्री जयंती का शुभ मुहूर्त पूजा विधि।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Sat, 11 Jun 2022 06:17 AM (IST)
Hero Image
Gayatri jayanti 2022: मां गायत्री जयंती, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि

नई दिल्ली,Gayatri Jayanti 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन को गायत्री जयंती के रूप में मनाया जाता है। हिंदू शास्त्रों में मां गायत्री को वेदों की मां कहा गया है। मां गायत्री के 10 हाथ और 5 मुख है। जिसमें से 4 मुख वेदों के प्रतीक है और पांचवा मुख सर्वशक्तिमान शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। वहीमं दस हाथ भगवान विष्णु के प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्ना की पत्नी गायत्री देवी है और इनका मूल रूप श्री सावित्री देवी है। आइए जानते हैं गायत्री जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

गायत्री जयंती का शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ- 10 जून सुबह 7 बजकर 25 मिनट से शुरू

एकादशी तिथि समाप्त- 11 जून सुबह 5 बजकर 45 मिनट में समाप्त

अभिजीत मुहूर्त - 10 जून को सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक

शिव योग - 11 जून शाम 08 बजकर 46 मिनट से 12 जून शाम 05 बजकर 27 मिनट तक

स्वाति नक्षत्र - 11 जून सुबह 03 बजकर 37 मिनट से 12 जून सुबह 02 बजकर 05 मिनट तक

रवि योग- 10 जून को सुबह 5 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 11 जून सुबह 3 बजकर 37 मिनट तक।

सर्वार्थ सिद्धि योग- 11 जून सुबह 5 बजकर 23 मिनट से 12 जून सुबह 2 बजकर 5 मिनट तक

गायत्री जयंती पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।
  • अब मां गायत्री का मनन करते हुए एक चौकी या फिर पूजा घर में ही लाल रंग का साफ वस्त्र बिछा दें
  • अब मां गायत्री की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित कर दें।
  • अब मां को जल, फूल, माला, सिंदूर, अक्षत चढ़ाएंय़
  • फिर धूप-दीप जलाकर मां का ध्यान करते हुए गायत्री मंत्र का जाप कर लें।
  • अंत में मां गायत्री जी की आरती उतार कर भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

गायत्री मंत्र

'ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

Pic Credit- Instagram/merimummysuperhit

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'