Kaal Sarp Dosh Upay: कुंडली में कब बनता है कालसर्प दोष? जानिए इस विनाशकारी दोष के लक्ष्ण और उपाय
Kaal Sarp Dosh ज्योतिष शास्त्र में कई प्रकार के दोष और उनके द्वारा होने वाली समस्याओं के विषय में विस्तार से बताया गया है। इन्हीं में से एक है कालसर्प दोष जिसे बहुत ही विनाशकारी माना जाता है। जिस जातक की कुंडली में कालसर्प दोष का निर्माण होता है उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Kaal Sarp Dosh Upay: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभाव के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के दोष के विषय में भी बताया गया है। बता दें कि इन सभी में कालसर्प दोष को बहुत ही विनाशकारी दोष माना जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, कालसर्प दोष से न केवल मानसिक अपितु शारीरिक रूप से कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में व्यक्ति को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए और साथ ही यह भी जान लेना चाहिए कि कालसर्प दोष के लक्षण क्या होते हैं, जिसके कारण वह आने वाली समस्याओं से बच सकता है।
कालसर्प दोष के लक्षण
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति को अक्सर मृत लोग सपने में दिखाई देते हैं, उनकी कुंडली में कालसर्प दोष होने का भय रहता है।
व्यक्ति यदि जीवन में बहुत संघर्ष कर रहा है और जरूरत पड़ने पर अकेलापन महसूस कर रहा है तो यह कालसर्प दोष के कारण हो सकता है।
जो व्यक्ति नींद में शरीर पर सांप रेंगते हुए देखता है या सपने में सांप व्यक्ति को डस रहा है तो उन्हें सचेत हो जाना चाहिए। ऐसा सपना कालसर्प दोष के कारण आ सकता है।
जो व्यक्ति लगातार मानसिक व शारीरिक रूप से समस्याओं से जूझ रहा है। साथ ही सिरदर्द, त्वचा रोग इत्यादि के कारण परेशान है। उनकी कुंडली में भी कालसर्प दोष होने का भय रहता है।
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कुंडली में कब बनता है कालसर्प दोष
ज्योतिष गणना के अनुसार, जब व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते है। तब काल सर्प दोष नामक विनाशकारी दोष का निर्माण होता है। ऐसे में व्यक्ति को किसी विद्वान ज्योतिष की सहायता अवश्य लेनी चाहिए।
कालसर्प दोष की लाभकारी उपाय
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जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें हर दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार जाप अवश्य करना चाहिए।
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हनुमान चालीसा के पाठ को भी इस दोष से मुक्ति के लिए बहुत ही कारगर माना जाता है। इसलिए हर दिन 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है। उन्हें अपने घर में मोर पंख अवश्य रखना चाहिए।
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कालसर्प दोष के निवारण के लिए पूजा-पाठ को भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। जो व्यक्ति हर दिन महादेव की उपासना करता है, उन्हें इस दोष से मुक्ति मिल जाती है।
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इसके साथ कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए रोजाना अपने कुलदेवता या देवी की उपासना करनी चाहिए। साथ ही हर दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए।
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