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Shukra Grah Parivartan: 17 नवम्बर को कन्या से तुला राशि में प्रवेश करेगा शुक्र, 'ललिता सहस्रनाम' का पाठ आएगा काम

Shukra Grah Parivartan विलासिता के स्वामी ग्रह शुक्र 17 नवंबर 2020 से तुला राशि में गोचर करने वाले है। गोचर का अर्थ है कि कोई ग्रह एक निश्चित समय मे किस राशि में स्थित है। आइए जानते हैं ऐसे में कौन-सी राशियों पर शुक्र मेहरबान होने वाले हैं

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 07 Nov 2020 10:45 AM (IST)
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Shukra Grah Parivartan: 17 नवम्बर को कन्या से तुला राशि में प्रवेश करेगा शुक्र, 'ललिता सहस्रनाम' का पाठ आएगा काम

Shukra Grah Parivartan: विलासिता के स्वामी ग्रह शुक्र 17 नवंबर 2020 से तुला राशि में गोचर करने वाले है। गोचर का अर्थ है कि कोई ग्रह एक निश्चित समय मे किस राशि में स्थित है। अगर समय की बात करें तो शुक्र 17 नवंबर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर, कन्या से तुला राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र 11 दिसंबर 2020 को 05 बजकर 04 मिनट तक इसी राशि में रहेंगे। ऐसे में कौन-सी राशियों पर शुक्र मेहरबान होने वाले है जानते हैं ज्योतिषाचार्या साक्षी शर्मा से।

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को विलासिता, कला, प्रेम, सौन्दर्य, ऐश्वर्य तथा सांसारिक सुखों का कारक माना जाता है। अब क्योंकि शुक्र देव अपनी ही राशि तुला में विराजमान रहेंगे, इस वजह से यह गोचर काफी महत्वपूर्ण है।

अपनी राशि में रहेंगे प्रसन्न-

शुक्र ग्रह स्वयं तुला राशि के स्वामी हैं, इस वजह से इस राशि वालों के लिए यह गोचर शुभ फलदायी हैं। शुक्र देव अष्टम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ तुला राशि के स्वामी भी हैं। यानी शुक्र तुला राशि के प्रथम भाव के भी स्वामी है, इसलिए गोचर का समय काफी प्रभावशाली रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में लग्न भाव को स्वयं भाव कहा जाता है। ऐसे में तुला राशि वालों को गोचर के दौरान शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है।

तुला राशि पर प्रभाव-

गोचर के दौरान तुला राशि के जातकों को व्यापार और कार्यस्थल पर तरक्की भी मिल सकती है। व्यापार में भी भाग्य का साथ मिलेगा और आय के नए स्त्रोत बनेंगे। इस गोचर के दौरान बड़ा निवेश करना भी उत्तम रहेगा। इस गोचर के दौरान समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा और छवि को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। लोग आपसे सलाह या मशवरा लेते नजर आएंगे।

विवाह के लिये उत्तम योग-

यह गोचर उन जातकों के लिए भी शुभ है जो अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए सोच रहे हैं। साथ ही शादीशुदा जातको का जीवन भी रोमांस से भरपूर रहेगा। हालांकि आपको ज्यादा सोचने से बचने होगा और स्वास्थ्य का खासा ख़याल रखना होगा। इस गोचर के दौरान शुभ फलों की प्राप्ति के साथ मेहनत जारी रखें।

उपाय- गोचर के दौरान 'ललिता सहस्रनाम' का पाठ शुभफलदायी होगा। साथ ही अपने घर की स्त्रियों को प्रसन्न रखें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '