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Tulsi Puja: इन दिनों में भूलकर भी न जलाएं तुलसी पर दीपक, अच्छे की जगह मिलेंगे बुरे परिणाम

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। पूजा के दौरान तुलसी पर दीपक जलाने का भी विधान है। इससे घर में सुख- समृद्धि का वास बना रहता है। लेकिन तुलसी पर दीपक जलाने से पहले आपको इससे जुड़े कुछ नियमों को जरूर जान लेना चाहिए ताकि आपको इसके केवल शुभ परिणाम ही प्राप्त हों।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 20 Sep 2024 06:31 PM (IST)
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Tulsi Puja: इन दिनों में भूलकर भी न जलाएं तुलसी पर दीपक।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है। नियमित रूप से तुलसी की पूजा-अर्चना करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और उनका वास घर में बना रहता है। लेकिन तुलसी से जुड़े ये लाभ आपको तभी मिल सकते हैं, जब आप इससे जुड़े नियमों का भी ध्यान रखें। ऐसे में चलिए जानते हैं तुलसी पर दीपक जलाने से जुड़े कुछ जरूरी नियम।

इस दिन न जलाएं दीपक

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी पर रविवार के दिन न तो जल अर्पित करना चाहिए और नहीं दीपक जलाना चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन तुलसी माता, भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करती हैं और इस दौरान दीपक जलाने से उनके व्रत में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।

बढ़ सकती हैं दिक्कतें

रविवार के साथ-साथ सूर्य या फिर चंद्र ग्रहण के दौरान भी तुलसी पूजा करना और तुलसी पर दीपक जलाना शुभ नहीं माना जाता। इस दिन तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए, अन्यथा मां लक्ष्मी आपसे रुष्ट हो सकती हैं। जिस कारण आपको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

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पितृ पक्ष का भी रखें ध्यान

पितृ पक्ष में तुलसी से जुड़े विशेष नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, क्योंकि इससे आपको पितरों की कृपा प्राप्त हो सकती है। पितृ पक्ष में तुलसी के पौधे को स्‍पर्श करने की मनाही होती है। इसलिए पितृ पक्ष में तुलसी को छूने से बचना चाहिए। इसी के साथ श्राद्ध पक्ष में भूल से भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए, वरना इससे पितृ नाराज हो सकते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।