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Agra News: अंबेडकर यूनिवर्सिटी के रिजल्ट अब तक नहीं हुए जारी, कॉलेजों की गलती का खामियाजा भुगत रहे छात्र

पिछले साल डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा कराई कई परीक्षाओं के परिणाम अब तक जारी नहीं किए गए हैं। इसके पीछे कालेजों द्वारा प्रायोगिक परीक्षा के अंक अपलोड न करना है। दोषी कालेजों को कई बार नोटिस जारी किया गया लेकिन कालेज हर नोटिस को नकार देते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Anil PandeyUpdated: Thu, 12 Jan 2023 10:13 AM (IST)
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नोटिस और कार्रवाई के बाद भी कालेजों ने अपलोड नहीं किए अंक, रुके हैं परिणाम। जागरण

 जागरण संवाददाता, आगरा: पिछले साल डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा कराई कई परीक्षाओं के परिणाम अब तक जारी नहीं किए गए हैं। इसके पीछे कालेजों द्वारा प्रायोगिक परीक्षा के अंक अपलोड न करना है। दोषी कालेजों को कई बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन कालेज हर नोटिस को नकार देते हैं। इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।

विश्वविद्यालय से संबद्ध 411 कालेजों के 2021-22 सत्र के विभिन्न पाठ्यक्रम के प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक वेबसाइट पर अपलोड किए गए। इन अंकों को संबंधित कालेज अपने लागइन आइडी से सत्यापित करते हैं। 184 कालेजों ने अंक सत्यापित नहीं किए। इन्हें पिछले साल 18 सितंबर तक अंक सत्यापन का समय दिया गया। इसके बाद 34 कालेजों ने अंक सत्यापित किए। 150 कालेजों के 50 हजार से अधिक छात्रों की अंकतालिका में प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक दर्ज नहीं हुए। विश्वविद्यालय ने कालेजों को नोटिस दिया। जिसके बाद 50 कालेजों ने अंक अपलोड कर दिए। 100 कालेज नोटिस को नजरदांज कर गए। इसके बाद अक्टूबर में 67 कालेजों पर कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय ने कालेजों में नए सत्र में प्रवेश पर रोक लगा दी। इनकी सूची शासन को भी भेज दी।

कई नोटिसों के बाद भी कालेजों ने अंक अपलोड नहीं किए हैं। इस वजह से कई पाठ्यक्रम के परिणाम रुके हैं। परीक्षा नियंत्रक डा. ओमप्रकाश का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत संचालित पाठ्यक्रम के अलावा विधि पाठ्यक्रम के अंक भी अपलोड नहीं किए गए हैं। इस वजह से परिणाम रुके हैं। अब कालेजों पर कार्यवाही की जाएगी।

एमएड के रुके परिणाम को लेकर छात्रों का प्रदर्शन पिछले साल अक्टूबर में हुई एमएड की परीक्षा का परिणाम अब तक जारी नहीं किया गया है। इस खबर को दैनिक जागरण ने बुधवार के अंक में प्रकाशित किया था। बुधवार को ही छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में परिणाम की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और कुलसचिव डा. विनोद कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा।

फरवरी में परीक्षा, भौतिक सत्यापन अब तक नहीं

डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं फरवरी में प्रस्तावित हैं। इस साल भी कालेजों से केंद्र बनने के लिए जानकारी मांगी है। नियमानुसार केंद्र बनाने की प्रक्रिया परीक्षा से एक महीना पहले शुरू हो जानी चाहिए, जिससे भौतिक सत्यापन समय से हो सके। नोडल केंद्र, परीक्षा केंद्र और सचल दल को लेकर विश्वविद्यालय में बैठक हुई। परीक्षा से पहले केंद्र बनाने के लिए कालेजों का भौतिक सत्यापन अनिवार्य है।

सत्यापन के लिए टीमें भेजी जाती हैं, जो कालेजों में आधारभूत व्यवस्थाओं का निरीक्षण करती हैं। पिछली परीक्षाओं में भी भौतिक सत्यापन बिना ही केंद्र बना दिए गए थे, जिससे अव्यवस्थाओं के कारण परीक्षाओं के बीच में ही कई बार केंद्र बदले भी गए। इसकी शिकायत शासन को भी की गई। निर्णय लिया गया था कि भौतिक सत्यापन के बिना केंद्र नहीं बनाए जाएंगे, लेकिन इस बार भी भौतिक सत्यापन नहीं कराया गया और कालेजों से केंद्र बनने के लिए जानकारी मांगी गई है।

विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. आशु रानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नोडल केंद्र, परीक्षा केंद्र और सचल दल पर चर्चा हुई। निर्णय लिया गया कि नोडल केंद्रों से परीक्षा केंद्रों की दूरी नियमानुसार ही रखी जाएगी। नोडल केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। सरकारी कालेजों को ही नोडल केंद्र बनाया जाएगा। नोडल केंद्र के 15-20 किमी के दायरे में आने वाले कालेजों को ही केंद्र बनाया जाएगा। परीक्षा केंद्रों की पहले प्रस्तावित सूची तैयार की जाएगी, जिस पर आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी। कुलसचिव डा. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि कालेजों की सूची अंतिम होते ही सत्यापन कराया जाएगा। कालेजों में आधारभूत सुविधाएं होना अनिवार्य है। इस साल सचल दल में पुलिस और प्रशासन की सहभागिता पर भी विचार किया जा रहा है।