खिचड़ी महोत्सव: कभी बने विक्रेता तो कभी खेले डांडिया, हर दिन नए रूप में दर्शन दे रहे ठाकुरजी Agra News
एक माह तक चलेगा राधाबल्लभलाल मंदिर में खिचड़ी महोत्सव। हर दिन सुबह मंगला आरती से पहले ठाकुरजी को पंचमेवा युक्त खिचड़ी परोसी जा रही है।
आगरा, जेएनएन। भगवान की लीला निराली है तो उनके भक्त भी उसी भावना के साथ भगवान की सेवा भी करते हैं। ब्रज में बाल रूप में विराजे ठाकुरजी की राग सेवा भक्त अपनी भावना के अनुसार करते हैं। यही कारण है कि इन दिनों राधाबल्लभलाल जू हर दिन नए रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। तो भक्तों का उत्साह भी चरम पर है। मंगलवार को ठाकुरजी ने खिचड़ी महोत्सव में पहले तो पोशाक विक्रेता के रूप में दर्शन दिए। इसके बाद आराध्य डांडिया खेलते नजर आए। आराध्य के नए नए रूप के दर्शन कर आनंदित भक्तों के जयकारे से मंदिर परिसर गूंजता ही रहा।
ब्रज के रसिक संत हरित्रयी में शामिल श्रीहित हरिवंश द्वारा सेवित ठा. राधाबल्लभ लाल जू के दर्शन निराले हैं। मंदिर में चल रहे खिचड़ी महोत्सव में हर दिन आराध्य अलग रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। एक महीने चलने वाले खिचड़ी महोत्सव में ठाकुरजी को उनके सेवायत अलग अलग मुद्रा में दर्शन करवा रहे हैं। मंदिर सेवायत मनमोहन गोस्वामी कहते हैं खिचड़ी महोत्सव में हर दिन सुबह मंगला आरती से पहले ठाकुरजी को पंचमेवा युक्त खिचड़ी परोसी जा रही है। इसी दौरान जब ठाकुरजी को खिचड़ी अर्पित की जाती है तो ठाकुरजी की मुद्रा हर दिन अलग रूप में होती है। ठाकुरजी कभी पान बेचते दिखाई देते हैं, तो कभी चूड़ी बेचते, कभी खिलौने बेचते नजर आते हैं तो कभी पतंग उड़ाते हुए। इसी दौरान होली खेलते ठाकुरजी के दर्शन कर भक्त निहाल हो रहे हैं। सुबह जब मंदिर के पट खुलते हैं तो उससे पहले सैकड़ों श्रद्धालु ठाकुरजी की इसी झलक के दर्शन करने को मौजूद रहते हैं। जैसे ही पट खुलते हैं और ठाकुरजी अलग रूप में दर्शन देने आते हैं भक्तों के जयकारे से मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठाता है।
धरा था बांकेबिहारी का रूप
सोमवार को ठा. राधाबल्लभ ने कभी ठा. बांकेबिहारी बनकर तो कभी स्वामी हरिदास का रूप रखकर भक्तों को दर्शन दिए तो भक्तों के जयकारे से मंदिर परिसर गूंज उठा।