Diwali 2022: चौदस में होगी दीपावली, अमावस्या को सूर्य ग्रहण, पढ़ें पंचोत्सव की जानकारी और राशियों पर प्रभाव
Diwali 2022 गोवर्धन पूजा 26 को और भाई दौज 27 को मनाना रहेगा श्रेष्ठ। सुबह 431 बजे से लग जाएंगे सूतक ग्रहण 432 से होगा शुरू। ग्रहण काल में अन्नकूट गोवर्धन पूजा निषेध रहेगी क्योंकि सूतक काल या ग्रहण काल में ठाकुर जी के लिए पकवान नहीं बनेंगे।
आगरा, जागरण टीम। इस बार दीपावली का त्योहार अमावस्या के बजाय चौदस में मनेगा। ऐसा दीपावली और गोवर्धन पूजा के बीच में कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या वाले दिन (25 अक्टूबर) खंडग्रास सूर्यग्रहण पड़ने की वजह से होगा। ऐसे में अन्नकूट गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को करना श्रेष्ठ माना जाएगा, जबकि 27 अक्तूबर को भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा।
25 को लगेगा सूर्य ग्रहण
मैनपुरी के राज पुरोहित ज्योतिषाचार्य राजीव कुमार मिश्र ने बताया कि 25 अक्टूबर को दोपहर 2:29 बजे से सूर्य ग्रहण लगेगा, इसकी समाप्ति शाम 6:32 बजे पर होगी। ग्रहण का प्रारंभ शाम 4:32 बजे से होगा, जबकि समाप्ति 6:27 बजे पर होगी। उन्होंने बताया कि सूर्यग्रहण वाले दिन प्रात: 4:31 बजे से ही सूतक पातक दोष की शुरुआत हो जाएगी।
न करें सूतक में ये काम
सूतक के दौरान भोजन बनाना और उसे ग्रहण करना निषेध माना जाता है। इसमें आसक्त रोग ग्रस्त, असमर्थ बालक आदि को प्रतिबंधित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रहण काल में अन्नकूट गोवर्धन पूजा निषेध रहेगी, क्योंकि सूतक काल या ग्रहण काल में ठाकुर जी के लिए पकवान नहीं बनेंगे और न भोग लगाया जा सकता है। इस अवधि में सभी देवालयों के पट (दर्शन) बंद रहेंगे। इस दिन ग्रहण पढ़ते ही सूर्य देव अस्त होते जाएंगे। अगले दिन 26 अक्टूबर को सूर्य दर्शन उपरांत स्नान, दान आदि के पश्चात सूतक की निवृत्ति होगी।
इस तरह मनेगा पंचोत्सव
दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा के समय प्रतिपदा तिथि का अभाव है। इसलिए गोवर्धन पूजा 26 को और भाई दौज 27 को मनाना श्रेष्ठ होगा। 23 को धनतेरस और रूपचौदस मनेगी, 24 को शाम 5:27 बजे से अमावस्या शुरू होगी।
राशियों पर ग्रहण का प्रभाव
मेष, मिथुन, कन्या, कुंभ राशि वालों के लिए ग्रहण का प्रभाव सामान्य रहेगा, नुकसान की संभावना कम रहेगी। वृष, सिंह, धनु और मकर राशियों के लिए यह ग्रहण या ग्रहण के उपरांत छह माह तक शुभ कार्यों की उम्मीद की जा सकती है। कर्क, तुला, वृश्चिक और मीन राशि के लिए इस ग्रहण का प्रभाव खतरनाक या गलत साबित हो सकता है।