Famous Temples In Mathura: मथुरा का बिड़ला मंदिर, जहां स्तंभ पर उकेरी गई श्रीमद् भगवत गीता
Famous Temples In Mathura बिड़ला मंदिर मथुरा जहां गीता के श्लोक पत्थरों पर उकेरे गए हैं। संवत 2002 में बना मंदिर 77 साल पुराना है मंदिर। महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने शस्त्र न उठाने का वचन लिया था। मंदिर में पत्थर का रथ बना हुआ है।
आगरा, जागरण टीम। यूपी का शहर मथुरा मंदिरों के लिए विशेष पहचान रखता है। श्रीकृष्ण की नगरी से जानने वाले शहर में हर रोज हजारों कृष्ण भक्त विभिन्न मंदिरों का दीदार करने पहुंचते हैं। मथुरा में ऐसा ही एक मंदिर है बिड़ला मंदिर।
इस मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को कुछ अलग ही देखने को मिलता है। पत्थर के गगनचुंबी स्तंभ पर उकरे श्रीमद् भगवत गीता के श्लोक और पत्थर के गीता रथ के कारण ही मथुरा में बिड़ला मंदिर का नाम श्रीमद् भगवत गीता मंदिर रखा गया। ब्रज का यह एकमात्र मंदिर है जहां लोग पत्थर पर उकेरी श्रीमद् भगवत के श्लोकों के दर्शन कर खुद को धन्य समझते हैं।
आज से 77 वर्ष पूर्व हुआ था निर्माण
इस मंदिर का निर्माण संवत 2002 में जुगल किशोर बिड़ला ने माता-पिता की स्मृति में कराया था। वर्तमान सन 2022 से आंकलन करें तो मंदिर को बने करीब 77 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं।
गीता जयंती पर होते हैं कार्यक्रम
मंदिर में गीता रथ और श्रीमद् भगवत गीता के श्लोक गगनचुंबी पत्थरों पर उकेरे गए हैं। यहां प्रतिवर्ष गीता जयंती पर धार्मिक अनुष्ठान के साथ ठाकुरजी का चित्ताकर्षक श्रृंगार, अभिषेक, पूजन आदि अनुष्ठान होते हैं। मंदिर परिसर में ठाकुरजी की मूर्ति सभी का मन मोह लेती है।
महाभारत के युद्ध से जुड़ा है गीता रथ
गौरतलब है कि महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने शस्त्र न उठाने की प्रतिज्ञा ली थी। एक समय ऐसा भी आया जब उनकी प्रतिज्ञा टूटी और उन्होंने सुदर्शन चक्र अपनी अंगुली पर धारण किया था। हालांकि इसे चलाने की बारी नहीं आई थी। मथुरा-वृंदावन रोड पर सुदर्शन चक्रधारी श्रीकृष्ण की आदमकद प्रतिमा के दर्शन चित्त को लुभाते हैं। मंदिर के दाहिनी ओर विशालकाय पत्थर का स्तंभ है। इसी पर गीता के श्लोक उकेरे गए हैं। यह इतने स्पष्ट हैं कि एक-एक शब्द पढ़ा जा सकता है।
मंदिर में देख सकते हैं श्रीकृष्ण की प्रतिमा
विशालकाय स्तंभ पर उकेरी गई गीता के कारण ही इस मंदिर का नाम श्रीमद् भगवत गीता मंदिर रखा गया। हालांकि प्रचलन में इसे बिड़ला मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां गीता जयंती पर विशेष आयोजन होता है। मंदिर में लगी सुदर्शनचक्र धारी श्रीकृष्ण की प्रतिमा मन को लुभाने वाली है।
मंदिर खुलने का समय
छुट्टी के मौके पर मंदिर देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। अगर आप भी मथुरा का बिड़ला मंदिर देखने का प्लान बना रहे हैं तो समय जानिए
गर्मियों में मंदिर सुबह पांच बजे खुलता है और दोपहर 12 बजे बंद हो जाता है। उसके बाद दोपहर दो बजे से शाम आठ बजे तक मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। वहीं सर्दियों के मौसम में मंदिर का समय परिवर्तित हो जाता है। सुबह साढ़े बजे मंदिर खुलता है और 12 बजे बंद होता है। दोपहर दो बजे से रात साढ़े आठ बजे तक दर्शन किए जा सकते हैं।