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पांच साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या का पुलिस ने किया खुलासा; फिरौती के लिए दादी और उसके भाई ने रचा था षड्यंत्र

Agra News आगरा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक दादी ने अपने ही पांच साल के पोते के अपहरण की साजिश रची। एक महीने से चल रही इस साजिश का खुलासा तब हुआ जब मासूम का शव मिला। पुलिस ने दादी और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया है। जानिए इस दिल दहला देने वाली घटना के बारे में विस्तार से।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 18 Sep 2024 03:51 PM (IST)
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Agra News: पुलिस ने गिरफ्तार की दादी, मयंक का फाइल फोटो और आरोपित ललित।

जागरण संवाददाता, आगरा। रिश्ते की दादी कल्पना पांच वर्ष के मयंक के अपहरण की साजिश एक महीने से रच रही थी। कल्पना के भाई ललित ने नींद की 10 गोलियां एक महीने पहले लाकर उसे दी थीं। मौके की तलाश कर रहे थे, 14 सितंबर को कल्पना और ललित को यह मौका मिल गया। पुलिस ने बुधवार को कल्पना और ललित को जेल भेज दिया।

गांव अमानाबाद, बरहन के संजय शर्मा का पांच वर्ष के बेटे मयंक का 14 सितंबर की शाम को घर के सामने से खेलते समय अपहरण हो गया था। मासूम का शव 16 सितंबर को गांव से पांच किलोमीटर दूर सहपऊ नहर में मिला था। पुलिस ने मंगलवार को अपहरण और हत्याकांड का पर्दाफाश किया तो स्वजन के साथ पूरा गांव स्तब्ध था।

15 लाख फिरौती के लिए रची साजिश

पुलिस की पूछताछ में कल्पना ने बताया कि उसका मायका गांव धांधऊ, सहपऊ हाथरस में है। उसके भाई ललित काे रुपये की जरूरत थी। मयंक के बाबा सूबेदार से 15 लाख रुपये फिरौती वसूलने के लिए उसने और ललित ने अपहरण की साजिश रची थी। ललित एक महीने पहले उसे नींद की गोलियां दे गया था।कल्पना एक महीने में मयंक से काफी घुलमिल गई थी।

मयंक गुब्बारा लेकर आया था

ललित ने बताया कि वह शनिवार को गांव से मयंक के लिए गुब्बारा लेकर आया था। गुब्बारा उसे देने के बाद बाबा के पास भेज दिया। मयंक से कुछ देर बाद घर आने पर खाने की चीज देने को कहा था। यह सब साजिश का हिस्सा था। जिससे कि मयंक अपने घर से खुद कल्पना के पास आए। इससे किसी को शक नहीं होता।कुछ देर बाद मयंक घर आया ताे कल्पना अपने छह वर्ष के बेटे को मोमोज लेकर आने के बहाने भेज दिया।

मयंक को पकौड़ी में खिला दी नशे की गोलियां

मयंक को पकौड़ी खिलाने के बाद पानी में नींद की छह गोलियां मिलाकर दीं। मासूम पर तत्काल प्रभाव नहीं हुआ, पांच मिनट बाद ही चार गोलियां और दे दीं। जिससे कि वह बेटे के लौटने से पहले बेहाेश हो जाए। बेटा दस मिनट बाद आया। तब तक कल्पना और ललित बेसुध हो चुके मयंक को सामान रखने की कोठरी में डालकर बाहर से कुंडी लगा चुके थे। कुछ देर बाद ही कल्पना के दोनों बच्चे ट्यूशन पढ़कर घर आ गए थे।

तीनों बच्चों को खाने की चीज लेने के बहाने भेजा घर

शाम साढ़े ढह बजे कल्पना ने तीनों बच्चों को दोबारा खाने की चीज लाने के बहाने घर से बाहर भेजा। इस दौरान ललित ने मयंक को बोरे में डाला और बाइक अपने आगे रखकर गांव से ले गया था। एसीपी एत्मादपुर पीयूष कांत राय ने बताया कि आरोपितों को बुधवार कोर्ट में पेश किया गया, वहां से तीनों को जेल भेज दिया गया।

कल्पना और ललित के भी हैं मयंक की उम्र के बच्चे

हत्यारोपित कल्पना और ललित दोनों के तीन-तीन बच्चे हैं। दोनों के छोटे बेटों की उम्र लगभग छह वर्ष है।ललित ने गांव पहुंचने के बाद बोरे काे घर के पीछे रख दिया था। पत्नी बीमार रहती है, इसलिए बच्चों को उसने खुद दूध गरम करके दिया। जिसके बाद उसने घर के पीछे रखी बोरी खोलकर देखी तो मयंक के शरीर में कोई हरकत नहीं हाे रही थी। उसे लगा कि मर गया है,गांव से 17 किलोमीटर दूर सहपऊ रजवाहा में फेंक कर चला आया।

'हत्यारिन पत्नी का चेहरा भी नहीं देखना चाहता'

कल्पना की करतूत से पूरा परिवार सन्न है। पति रूप किशोर का कहना था कि वह हत्यारिन पत्नी का चेहरा भी नहीं देखना चाहते।प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक रूप किशोर का कहना था कि मासूम नाती मयंक के अपहरण और हत्या की साजिश रचने वाली पत्नी और साले को सख्त सजा मिलनी चाहिए। पति का कहना था कि कल्पना ने अपने साथ ही तीनों बच्चों के भविष्य का भी ध्यान नही किया।

मयंक के बाबा बोले, रिश्ते किए कलंकित

वहीं, बात करने के दौरान मयंक के बाबा सूबेदार भी फफक कर रोने लगते हैं। सूबेदार ने बताया कि कल्पना उनके चचेरे भाई के बेटे की बहू है। वह मयंक को अक्सर घर बुलाकर खाने-पीने का सामान देती थी। उससे दुलार करती थी। जिससे मयंक कल्पना से काफी घुलमिल गया था। सूबेदार और रूप किशोर का कहना था कि कल्पना ने विश्वासघात के साथ ही दादी के रिश्ते को कलंकित कर दिया।