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सेहत के लिए बहुत काम का है सहजन का पेड़, आप भी जानिए इसकी खूबियां Prayagraj news

सहजन किसी भी भूमि पर पनप सकता है और कम देखरेख फलता-फूलता है। इसके फूल फली और टहनियों को अनेक उपयोग में लाया जा सकता है। भोजन के रूप में अत्यंत पौष्टिक है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 27 Dec 2019 01:14 PM (IST)
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सेहत के लिए बहुत काम का है सहजन का पेड़, आप भी जानिए इसकी खूबियां Prayagraj news

प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी] । सेंजन, मुनगा या सहजन आदि नामों से जाना जाने वाला यह औषधीय पेड़ गुणों से भरपूर है। इसके अलग-अलग हिस्सों में 300 से अधिक रोगों की रोकथाम के गुण छिपे हैं। यह बातें इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर केएन उत्तम के एक शोध में सामने आईं।

सहजन की पत्तियों के प्रयोग से मवेशियों के दूध में डेढ़ गुना

प्रोफेसर केएन उत्तम ने बताया कि प्रोफेसर केएन उत्तम ने बताया कि शोध छात्रा श्वेता शर्मा और अभिसारिका भारती के साथ मिलकर किए गए इस शोध को स्प्रिंगर लिंक अंतरराष्ट्रीय जर्नल नेशनल अकादमी साइंस लेटर्स में प्रकाशित किया जा चुका है। चारे के रूप में इसकी पत्तियों के प्रयोग से मवेशियों के दूध में डेढ़ गुना और वजन में एक तिहाई से अधिक की वृद्धि का दावा किया है।

औषधीय गुणों से भरपूर है सहजन

प्रो. उत्तम ने बताया कि सहजन औषधीय गुणों से भरपूर है। इसकी फलियों का आचार और चटनी कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक हैं। यह जिस जमीन पर यह लगाया जाता है, उसके लिए भी लाभप्रद है। इसके फूलों की सब्जी बना कर खाई जाती है फिर फलियों की सब्जी बनाई जाती है। इसके बाद इसके पेड़ों की छटाई कर दी जाती है। सहजन किसी भी भूमि पर पनप सकता है और कम देखरेख फलता-फूलता है। इसके फूल, फली और टहनियों को अनेक उपयोग में लाया जा सकता है। भोजन के रूप में अत्यंत पौष्टिक है। सहजन के बीज से तेल निकाला जाता है और छाल पत्ती, गोंद, जड़ आदि से दवाएं तैयार की जाती हैं। सहजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं।

सहजन के सैकड़ों औषधीय गुण

सहजन की फली उदरशूल में और पत्ती नेत्ररोग, मोच, गठिया में उपयोगी है। जड़ दमा, जलोधर, पथरी, प्लीहा रोग के लिए उपयोगी है। छाल का उपयोग सायाटिका, गठिया आदि रोगों के लिए श्रेयष्कर है। 80 प्रकार के दर्द व 72 प्रकार के वायु विकारों का शमन करने वाला बताया गया है। सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है। जड़ की छाल का काढा सेंधा नमक और हींग डालकर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है। फली का रस सुबह-शाम पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है।

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