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Sanskarshala: स्‍कूली छात्राओं ने बोला- इंटरनेट की सूचनाओं पर आंख बंदकर विश्वास करना गलत है

Sanskarshala प्रयागराज के जीएचएस में संस्‍कारशाला का आयोजन किया गया। स्‍कूल की छात्राओं ने माना कि इंटरनेट का प्रयोग बढ़ा है। कई बार वे अपनी कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले विषयों व अलग-अलग प्रोजेक्ट संबंधी जानकारियों को प्राप्त करने के लिए इंटरनेट पर आश्रित हो जाते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaUpdated: Thu, 10 Nov 2022 04:19 PM (IST)
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प्रयागराज के जीएसएस स्कूल में आयोजित संस्कारशाला में छात्राओं ने इंटरनेट की जानकारी को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इंटरनेट को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का माध्यम बनाना चाहिए न कि पूरी तरह से उस पर निर्भर हो जाएं। जो सूचनाएं वहां से मिलें, उसे कहीं और से कंफर्म भी करना जरूरी है। कई बार गलत सूचनाओं के कारण मुश्किल में भी पड़ सकते हैं। यह विचार प्रयागराज में जीएचएस (गर्ल्‍स हाई स्‍कूल) की छात्राओं ने कहीं। वे दैनिक जागरण की ओर से आयोजित संस्कारशाला के तहत कहानी पाठ कर रही थीं।

इंटरनेट से प्रप्‍त सूचनाओं में शिक्षकों का मार्गदर्शन जरूर लें : छात्राओं ने माना कि इंटरनेट का प्रयोग बढ़ा है। कई बार वे अपनी कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले विषयों व अलग-अलग प्रोजेक्ट संबंधी जानकारियों को प्राप्त करने के लिए इंटरनेट पर आश्रित हो जाते हैं। वहां की जानकारियों को पूरी तरह से सही भी मान लेते हैं। यह प्रवृत्ति गलत है। जो सूचना इंटरनेट से प्राप्त हो, उसके संबंध में अभिभावकों और शिक्षकों से जरूर मार्गदर्शन लें। आसपास यदि उन विषयों के जानकार व्यक्ति न हों तो पुस्तकालय की मदद भी ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त कई बार वाट्सएप से आने वाली सूचनाओं को भी क्रास चेक करना जरूरी है। प्रत्येक मैसेज को फार्वड करने से भी बचना चाहिए।

जीएचएस की प्रधानाचार्य बोलीं- प्रभावी है संस्‍कारशाला : जीएचएस की प्रधानाचार्य डा. विनीता इसूवियस बोलीं कि दैनिक जागरण की तरफ से चलने वाली संस्कारशाला बहुत ही प्रभावी है। इसके सकारात्मक प्रभाव बच्चों पर पड़ रहे हैं। रही बात इंटरनेट के प्रयोग की तो यह किसी कबाड़ घर जैसा है। इसमें से हमें अपने काम की अच्छी चीजों को चुनना होता है। विद्यार्थियों को विशेष रूप से इस दिशा में सजग रहना चाहिए।

इंटरनेट के अधिक प्रयोग से सोचने की प्रभावित होती है क्षमता : जीएचएस की छात्रा अनुकृति दुबे ने कहा कि इंटरनेट के अधिक प्रयोग से हम सब के सोचने की क्षमता प्रभावित हो रही है। विद्यार्थियों को चाहिए कि अधिक से अधिक प्रश्न पूछें। विषयवस्तु को गहराई से समझें। इसमें अपने शिक्षकों से विस्तार से विमर्श करने की आदत डालना महत्वपूर्ण है, तभी इंटरनेट की सामग्री का क्रास चेक हो पाएगा।