तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ जांच की मांग
चिचौली स्थित 100 शैया जिला संयुक्त दिया। कहा कि कोविड-19 के दूसरेकर लिया गया।
तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ जांच की मांग
जासं, औरैया: चिचौली स्थित 100 शैया जिला संयुक्त चिकित्सालय के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ दर्ज एफआइआर के बाद कोई कार्रवाई न होने से स्वास्थ्य कर्मियों व भाजपाइयों ने
नवागंतुक जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। कहा कि कोविड-19 के दूसरे दौर में करोड़ों के बजट का गबन हुआ था। प्रशासन की ओर से जांच हुई। इसमें एक लिपिक समेत दो लोगों पर कोतवाली सदर में
रिपोर्ट लिखाई गई थी। इसके बाद कागजी काम पूरा कर लिया गया।
सोमवार को नवागंतुक जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव को ब्रजेश दुबे के नेतृत्व में 100 शैया जिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कुछ भाजपाई भी मौजूद रहे। प्रकाश चंद्र
को बताया कि 100 शैया जिला संयुक्त अस्पताल में कोविड एल-वन अस्पताल बनाया गया था। अधीक्षक के पद पर चार वर्ष से कार्यरत रहे डा. राजीव रस्तोगी ने करोड़ों रुपये का गबन किया। विरोध करने वाले स्टाफ नर्स को नौकरी न करने धमकी दी थी। यहां तक कि कुछ को निकाल भी दिया था। जिन्हें उच्च न्यायालय से स्टे मिला। आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की जांच में डा. राजीव की ओर से कोरोना काल के दौरान तकरीबन चार करोड़ से ज्यादा का गबन सामने आया था। डा. राजीव और उनके सहयोगी लिपिक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई थी। फर्जी तरीके से सह कर्मी के चहेते
की कंपनियों को भुगतान किया गया।