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रामलला की आरती में शामिल हो सकेंगे चार सौ भक्त, वसंत पंचमी के पर्व पर अयोध्या-मथुरा व काशी में गुंजायमान हुई अटूट सनातन आस्था

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला के दर्शन के साथ ही उनकी आरती में चार सौ श्रद्धालुओं को शामिल करने की योजना बना रहा है और इसका प्रारूप इस तरह बन रहा है जिससे रामलला की आरती में स्वयं आनलाइन पास बनाकर श्रद्धालु शामिल हो सकें। वहीं देशभर में बुधवार को वसंत पंचमी का पावन पर्व असीम श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया।

By Jagran News Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Thu, 15 Feb 2024 07:06 AM (IST)
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रामलला की आरती में चार सौ श्रद्धालुओं हो सकेंगे शामिल (फाइल फोटो)

प्रवीण तिवारी, अयोध्या। Ram Lala Aarti: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला के दर्शन के साथ ही उनकी आरती में भी अधिकाधिक श्रद्धालुओं को शामिल करने की योजना बना रहा है। इसका प्रारूप इस तरह बन रहा है, जिससे रामलला की आरती में स्वयं आनलाइन पास बनाकर श्रद्धालु शामिल हो सकें।

इसके प्रारूप पर अंतिम विमर्श चल रहा है। लगभग सहमति बन गई है। इसके अनुसार अलग-अलग आरती में शामिल होने वालों की संख्या कुल चार सौ तक हो सकती है। ये सभी नित्य होने वाली रामलला की पांच में से चार आरती में शामिल होंगे। प्रत्येक आरती में सौ-सौ लोग शामिल हो सकेंगे।

आरती के लिए बनाए जा रहे इतने पास

अभी रामलला की मंगला व शयन आरती में ही श्रद्धालु शामिल हो पा रहे हैं। इसके लिए ऑनलाइन मोड तथा ट्रस्ट के अनुमोदन के बाद ही पास जारी हो रहा है। मंगला आरती में सौ व शयन आरती में भी सौ पास बनाए जाते हैं। शेष तीन आरती शृंगार, राजभोग व संध्या आरती में संध्या को छोड़ कर शृंगार व राजभोग आरती के लिए भी पास जारी करने की योजना है।

सिर्फ संध्या आरती के लिए पास निर्गत नहीं किए जाएंगे। मंगला आरती रामलला के जागरण के समय सुबह साढ़े चार बजे, शृंगार आरती भगवान के शृंगार के समय साढ़े छह बजे होती है। राजभोग आरती दोपहर 12 बजे, संध्या आरती शाम साढ़े सात बजे और रात्रि 10 बजे शयन आरती होती है।

उल्लास के साथ मना वसंत पंचमी का पर्व

बसंत पंचमी (Basant Panchmi) का पावन पर्व बुधवार को देशभर में असीम श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। अयोध्या, मथुरा, काशी तथा प्रयागराज में अटूट सनातन आस्था अत्यंत मनोहारी स्वरूप में गुंजायमान हुई। रामनगरी में प्रभु बालकराम ने दिव्य रूप में दर्शन दिए।

भगवान श्रीकृष्ण की नगरी स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सेवायतों ने आराध्य के प्रसादी गुलाल से भक्तों को सराबोर कर दिया। इसी के साथ ब्रज में 40 दिवसीय होली उत्सव आरंभ हो गया।

श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

भगवान महादेव की नगरी काशी में वसंत पंचमी के मान विधान के अंतर्गत भोर में मंगला आरती के साथ वेदमंत्रों व मंगल गीतों के बीच बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत प्रतिमा का तिलकोत्सव महंत आवास पर हुआ एवं बाबा ने दूल्हा रूप में दर्शन दिए। संगम नगरी में विशाल संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं ने पावन त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई।