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GDA से फ्लैट और प्लॉट खरीददारों के लिए अच्छी खबर, अगर करेंगे ऐसा तो कम जमा करना होगा किस्त का पैसा

GDA News जीडीए से भूखंड और फ्लैट खरीदने वालों के लिए खुशखबरी है। खासकर उनके लिए जो लगातार किस्त भरते हैं। अब वह आवंटी या खरीददार जो एक साथ पैसा जमा कराएंगे उनका मूलधन कम हो जाएगा। वीसी अतुल वत्स की तरफ से यह आदेश पारित किया गया। बता दें पहले किस्त के पैसे कम कराने के लिए चक्कर लगाने पड़ते थे। लेख के माध्यम से जानिए पूरी खबर।

By Shahnawaz Ali Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 24 Sep 2024 03:39 PM (IST)
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Ghaziabad News: पुराने बस अड्डे के पास स्थित जीडीए कार्यालय। फोटो जागरण

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जीडीए से भूखंड और फ्लैट आवंटित कराने वाले आवंटियों के लिए एक अच्छी खबर है। जो लगातार किस्त जमा कर रहे हैं। जीडीए की ओर ऐसे आवंटी जो एकमुश्त अधिक पैसा जमा कराएंगे। उन्हें नए तरीके से किस्त का निर्धारण कर दिया जाएगा। इसके लिए जीडीए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे।

एकमुश्त पैसा जमा करने से मूलधन होगा कम

जी हां, जीडीए (GDA) वीसी अतुल वत्स की ओर से आदेश जारी किया गया है, जिसमे उन्होंने कहा कि यदि कोई एकमुश्त पैसे जमा करवाता है तो संबंधित बाबू केवल एकाउंट अनुभाग से वेरिफाई करवाने के बाद अपने स्तर ही किस्त को संशोधित करके आवंटी को जारी करेगा। एकमुश्त पैसा जमा करने से उसका मूलधन कम हो जाएगा। फिर पहले जमा कराई जा रही किस्त फिर उसे कम देनी होगी।

किस्त कम करवाने के लिए पहले लगाने पड़ते थे 

इससे पहले कोई आवंटी बकाये रकम की एकमुश्त जमा कराता था तो उसे अपनी किस्त कम करवाने के लिए चक्कर लगाना पड़ेगा। आवंटी की फाइल को जीडीए का बाबू पहले अपर सचिव, सचिव और वीसी तक भेजता था। फिर उसका अप्रूवल आने के बाद किस्त कम की जाती थी।

इस पूरी प्रक्रिया में तीन से छह माह तक का समय लग जाता था, जिसमें आवंटी पैसा जमा कराने साथ ही जीडीए दफ्तर के चक्कर काटता था। इस आदेश से आवंटियों को राहत मिलेगी। आदेश के साथ वीसी ने चेतावनी भी दी है कि किसी प्रकरण में आवंटियों को परेशान किया गया तो संबंधित को तत्काल निलंबित किया जाएगा।

किस्त को कम किए जाने की एक के बाद कई फाइल सामने आई। तब पता चला कि वीसी के अप्रूवल के बाद ही किस्त को रिवाइज किया जाता है। तब उन्हें लगा कि बैंक में तो जैसे ही मूलधन में आवंटी एकमुश्त पैसा जमा करता है वैसे ही आटोमैटिक उसकी किस्त संशोधित होती है। इसमें एक शर्त यह है कि यदि आवंटी डिफाल्टर होगा तो जमा धनराशि को पहले देय किस्तों में से घटाया जाएगा।

अतुल वत्स, वीसी जीडीए

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