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Mukhtar Ansari: जिस केस में मुख्तार हुआ था बरी, उसी केस के आधार पर दोषी करार हुआ माफिया; जानिए पूरा मामला

Mukhtar Ansari Case मीरहसन पर 24 नवंबर 2009 को घर के पास टहलते समय जानलेवा हमला किया गया था। इस मामले में मीर हसन उर्फ मीरकल्लू ने मुहम्मदाबाद थाने में सोनू यादव निवासी परसहीं कोतवाली सदर के खिलाफ धारा 307 का मुकदमा दर्ज कराया था। मीरहसन पर 24 नवंबर 2009 को घर के पास टहलते समय जानलेवा हमला किया गया था।

By Shivanand RaiEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Thu, 26 Oct 2023 08:39 PM (IST)
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मीरहसन पर जानलेवा हमले में साक्ष्य के अभाव में बरी हुआ था साजिशकर्ता मुख्तार अंसारी
जागरण संवाददाता, गाजीपुर। मुहम्मदबाद क्षेत्र के चकशाह मुहम्मद उर्फ मलिकपुरा निवासी मीर हसन उर्फ मीरकल्लू पर जानलेवा हमले में जिस मुकदमे में साजिशकर्ता मुख्तार अंसारी व मुख्य आरोपित सोनू यादव साक्ष्य के अभाव में पांच माह पहले बरी हो गए थे, उसी केस के आधार पर गैंगस्टर में दोनों को दोषी करार दिया गया है। मुख्य केस में बरी होने के पीछे विवेचक के मुख्तार अंसारी के खिलाफ साक्ष्य पेश न कर पाना था।

मीरहसन पर 24 नवंबर 2009 को घर के पास टहलते समय जानलेवा हमला किया गया था। इस मामले में मीर हसन उर्फ मीरकल्लू ने मुहम्मदाबाद थाने में सोनू यादव निवासी परसहीं कोतवाली सदर के खिलाफ धारा 307 का मुकदमा दर्ज कराया था।

आरोप था कि हमलावर सोनू यादव ने तब जिला जेल में बंद मुख्तार अंसारी से नहीं मिलने पर पूरा परिवार के अंजाम भुगतने की धमकी धी थी। पुलिस ने मुख्य अभियुक्त सोनू यादव को बनाया था।

विवेचना के दौरान पुलिस ने साजिशकर्ता मानते हुए जेल में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ धारा 120बी बढ़ाई थी। पहले मुकदमे की सुनवाई जनपद कोर्ट में चली। तत्कालीन मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी का नाम साजिशकर्ता में शामिल होने के बाद इसकी सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज में की गई।

ट्रायल 12 साल बाद वर्ष 2021 में शुरू हुआ। कोर्ट ने 2010 में मुख्य आरोपित सोनू यादव को बरी कर दिया था। जनपद में एमपी-एमएलए कोर्ट सृजन के बाद यहां सुनवाई हुई थी। बीते छह मई को मौखिक बहस के बाद कोर्ट ने 17 मई फैसला सुनाया, जिसमें साजिशकर्ता मुख्तार अंसारी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया था।

जनपद में गैंगस्टर के मामले में मुख्तार को हो चुकी दस-दस साल की सजा

एमपी एमएलए कोर्ट से पहले गैंगस्टर के दो मामले में मुख्तार अंसारी को दस-दस साल की सजा हो चुकी है। गैंगस्टर में पहली सजा वाराणसी में अवधेश राय हत्या कांड और दूसरी वाराणसी के ही कोयला व्यवसायी व हिंदूवादी नेता नंदकिशोर रूंगटा अपहरण कांड के गैंगस्टर मामले में दस साल की सुनाई गई थी।

ट्रायल के समय वादी मीर हसन ने ही मुख्तार के खिलाफ बदल दिया था बयान

मलिकपुरा निवासी मीर हसन ने अपने ऊपर जानलेवा हमला में साजिशकर्ता मुख्तार अंसारी के खिलाफ बयान बदल दिया था। ट्रायल के समय उसने कहा था कि ऐसा लगा था कि पटाखा छोड़ा गया। तब जज ने वादी के मुकरने पर सवाल किया था कि एक बार तमंचे से फायर का केस दर्ज कराया था। अब पटाखा बताने पर क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए?

तीन माह जेल काटने के बाद बरी हो गया था मुख्य हमलावर सोनू यादव

फायरिंग का मुख्य आरोपित सोनू यादव निवासी परसही वारदात के अगले दिन ही मुहम्मदाबाद कोतवाली पुलिस के यहां हाजिर हो गया था। तीन माह तक जेल में रहा था। हाईकोर्ट ने 90 दिन में फैसले के निस्तारण का आदेश दिया था। करीब एक साल के अंदर ही बरी हो गया। कोर्ट में वादी के होस्टाइल होने का लाभ सोनू को भी मिला।

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