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'अब तो योगी जी से ही न्याय की आस', नाना की आंख से झलके आंसू; बिटिया के घाव में बनी मवाद, डॉक्टरों के छूटे पसीने

37 दिन की बिटिया पर बिल्ली के अटैक कर दिया था जिसके बाद मां उसके इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकी। बच्ची के घाव में मवाद बन रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर ने इसे बच्ची के स्वास्थ्य के लिए बहुत खराब बताया तो मां नगमा फिर से रोने लगी। बच्ची के नाना ने कहा- अब तो मुख्यमंत्री जी से ही न्याय की आस है।

By Durgesh Tripathi Edited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 04 Feb 2024 01:39 PM (IST)
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'अब तो योगी जी से ही न्याय की आस', नाना की आंख से झलके आंसू

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज की 37 दिन की बिटिया का दर्द हरने कोई आगे नहीं आया। बिल्ली के नोचने से हुए घाव में अब मवाद बनने लगी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर ने इसे बच्ची के स्वास्थ्य के लिए बहुत खराब बताया तो मां नगमा फिर से रोने लगी।

नाना मोहर्रम अली बिटिया और नातिन को रोते हुए देख खुद भी रो पड़े। बोले, अब तो मुख्यमंत्री जी से ही न्याय की आस है। नातिन का दर्द नहीं देखा जा रहा है, उसका उपचार हो जाता तो कष्ट दूर होता। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद डाक्टरों ने खुद को बचने का रास्ता तलाशना शुरू कर दिया है।

बाबा राघवदास मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के प्रशासन ने कोई पहल ही नहीं की है। न तो बिटिया के स्वजन से बात की और न ही लापरवाही के मामले में कोई जांच ही शुरू कराई।

डुमरियागंज के परसा हुसैन निवासी मोहर्रम अली की बेटी नगमा इन दिनों मायके में आई है। 31 जनवरी की सुबह उसकी 34 दिन की बेटी के चेहरे को बिल्ली ने नोच लिया था। डुमरियागंज के देवा चौराहा स्थित स्वास्थ्य केंद्र से डाक्टर ने बस्ती जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

वहां से कैली मेडिकल कालेज, गोरखपुर जिला अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कालेज और एम्स जैसे अस्पतालों का चक्कर काटने के बाद भी बिटिया का उपचार नहीं हुआ। एम्स की इमरजेंसी में उसे भर्ती तो किया गया लेकिन दो घंटे बाद रात तकरीबन 12 बजे हायर सेंटर के लिए रेफर करते हुए दोबारा मेडिकल कालेज पहुंचा दिया गया। वहां से डाक्टरों ने फटकार कर भगा दिया।

एआरवी की दूसरी डोज लगी

देवा चौराहा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर शनिवार को बिटिया को एंटी रेबीज वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई। अब तीसरी डोज सात दिन बाद लगेगी। डाक्टर ने घाव में मवाद बनने की जानकारी दी तो सभी रो पड़े।

दर्द की दवा भी नहीं दी

मोहर्रम अली कहते हैं कि एम्स के डाक्टरों दवा लिखी तो वह परिसर में खुली अमृत फार्मेसी में पहुंचे। यहां उसे दर्द व बुखार के लिए लिखी पैरासिटामाल ड्राप नहीं दी गई। कर्मचारियों ने बताया भी नहीं कि दवा नहीं है। अब बिटिया दर्द से तड़प रही है, लेकिन गांव में दवा भी नहीं मिल रही है।

प्रमुख अधीक्षक करेंगे जांच

बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. सुनील आर्या ने बिटिया का उपचार न होने के मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रमुख अधीक्षक से जांच कर चार दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। कहा कि जिस समय बिटिया को लेकर स्वजन आए उस समय ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों व कर्मचारियों की जानकारी की जा रही है। दोबारा आने पर कौन लोग ड्यूटी पर तैनात थे। इसकी जांच कर जिम्मेदारी तय की जाएगी। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि मामले की जांच करायी जा रही है।

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