Animal Rescue In Hathras: 11 दिन से 35 फीट बोरवेल के अंदर फंसी जिंदगी बचाने की जंग, रस्सी से पहुंचाया जा रहा पानी और चारा
हाथरस जिले में 35 फीट गहरे बोरवेल में जिंदगी के लिए जूझ रहा है मेमना। रस्सी के सहारे मोबाइल फोन उतार कर बनाई गई वीडियो। 11 दिन से है बोरवेल में है मेमना रेस्क्यू आपरेशन लगातार है जारी। ममने को रस्सी डाल कर पानी और चारा खिलाया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद हैं तो ग्रामीण मेमने की जान बचाने को खड़े हैं।
संवाद सूत्र, मुरसान/हाथरस। एक बकरी का बच्चा (मेमना) 11 दिन से 35 फीट गहरे बोरवेल में जिंदगी के लिए जुझ रहा है। लगातार रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है। शुक्रवार को चार जेसीबी और एक पोकलेन मशीन मिट्टी की खुदाई करने में लगी रहीं।
प्रशासनिक अधिकारी और ग्रामीण भी मौके पर हैं, लेकिन मेमने को निकालने में सफलता हासिल नहीं हुई है। मेमना जिंदा है, उसे बकरी मालिक रस्सी डाल कर पानी और चारा खिला रहा है।
बोरवेल में गिरा था मेमना
मुरसान कलेक्ट्रेट के पास एक भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। नगला हीरा सिंह निवासी मुकेश ने बताया कि 28 नवंबर की शाम को जमीन पर अपनी बकरियों को चराने ले गया था। एक बकरी का बच्चा (मेमना) नलकूप के बोरवेल में अचानक गिर गया। उसकी आवाज सुनकर बोरवेल के पास गया तो वो चिल्ला रहा था। इसकी सूचना कलेक्ट्रेट स्थित पुलिस चौकी पर की।
हफ्ते भर तक पुलिस ने मेमने को बचाने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद फिर मुकेश चौकी पर गया और बताया कि मेमना अभी भी जिंदा है। उसे रस्सी के सहारे चारा भेज रहा हूं। वह करीब 35 फीट की गहराई पर अटका है। तब जाकर पांच दिसंबर को प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और मेमने को निकालने का प्रयास शुरू किया।
पुलिस ने भी रस्सी और कुछ अन्य साधनों की मदद से मेमने को निकालने का प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद एक जेसीबी लगाकर खुदाई शुरू काराई।
रेस्क्यू आपरेशन को तेज करने के लिए छह दिसंबर को तीन और जेसीबी लगाई गईं। शुक्रवार को 11 वें दिन तक जेसीबी से करीब 15 फीट गड्ढे की खुदाई की जा चुकी है। रेस्क्यू आपरेशन में पोकलेन मशीन को भी लगाया गया है। रस्सी के सहारे हर रोज मोबाइल फोन बोलवेल में नीचे उतार कर वीडियो बनाई गई है, जो कि प्रसारित हो रही है। रेस्क्यू आपरेशन जारी है।