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यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में बने हथियार देश की सीमाओं को करेंगे सुरक्षित: सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने पहले फीता काट कर परिसर का उद्घाटन किया। इसके बाद मंच से टैबलेट को टच कर उन्होंने एम्युनेशन और मिसाइल कांप्लेक्स की शुरुआत की। इसे बड़ा कदम बताते हुए मुख्यमंत्री बोले कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में डिफेंस कारिडोर की सौगात उस समय दी थी जब प्रदेश में पहला इन्‍वेस्टर समिट आयोजित किया गया था। इसमें एक डिफेंस कॉरिडोर उत्तर प्रदेश में तो दूसरा तमिलनाडु में है।

By rajeev saxena Edited By: Vinay Saxena Updated: Mon, 26 Feb 2024 10:03 PM (IST)
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डिफेंस कॉरिडोर में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के शुभारंभ के मौके पर रक्षा उत्पाद देखते सीएम योगी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में बने हथियार देश की सीमाओं को सुरक्षित करेंगे। उन्होंने साढ़ के डिफेंस कॉरिडोर में 202 हेक्टेयर में बने अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस का उद्धाटन किया। 1,500 करोड़ रुपये से बने इस काम्प्लेक्स में चार हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने पहले फीता काट कर परिसर का उद्घाटन किया। इसके बाद मंच से टैबलेट को टच कर उन्होंने एम्युनेशन और मिसाइल कांप्लेक्स की शुरुआत की। इसे बड़ा कदम बताते हुए मुख्यमंत्री बोले कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में डिफेंस कारिडोर की सौगात उस समय दी थी जब प्रदेश में पहला इन्‍वेस्टर समिट आयोजित किया गया था। इसमें एक डिफेंस कॉरिडोर उत्तर प्रदेश में तो दूसरा तमिलनाडु में है। कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी में जहां मुख्यमंत्री ने सेना अध्यक्ष मनोज पांडेय और अदाणी समूह के अधिकारियों के साथ हथियारों का निरीक्षण किया वहीं एक गन को हाथ में पकड़ कर उसे चलाने की प्रक्रिया भी जानी।

आयोजन से उत्साहित मुख्यमंत्री ने अदाणी समूह को कानपुर के साथ हैदराबाद में भी प्लांट की शुरुआत की बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में डिफेंस कारिडोर के छह नोड्स की घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी। इसमें अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ, झांसी और चित्रकूट शामिल हैं। इसमें कानपुर नोड में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने काम शुरू कर दिया है। दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी आयुध फैक्ट्री का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में रक्षा उत्पादों के लिए पांच हजार हेक्टेयर के कॉरिडोर को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया गया है। इसमें अब तक पांच हजार एकड़ लैंड बैंक बना लिया गया है।

इसमें लखनऊ में ब्रह्मोस, झांसी में भारत डायनमिक्स लिमिटेड, आर्म व्हीकल निगम लिमिटेड और टाटा टेक्नोलॉजीस लिमिटेड, ग्लोबल इंजीनियरिंग लिमिटेड और डब्ल्यूवी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड का कार्य प्रारंभ हुआ है। वहीं, अलीगढ़ नोड में एंकर रिसर्च लैब एलएलपी और कानपुर में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस जैसी बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डिफेंस कारिडोर के लिए आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू को सेंटर फार एक्सिलेंस के तौर पर नामित किया गया है। इनसे सहयोग लिया जा सकता है। इसके साथ ही आईआईटी कानपुर और एचबीटीयू के साथ मिलकर स्किल डेवलपमेंट का काम भी कर सकते हैं।

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो संदेश में कहा कि डिफेंस कॉरिडोर को आत्मनिर्भर भारत के लिए बनाया गया है। आज अदाणी डिफेंस व एयरोस्पेस का उद्घाटन मील का पत्थर है। सेना अध्यक्ष मनोज पांडेय ने कहा कि हथियारों के निर्माण में निवेश, शोध, टेस्टिंग की जरूरत है ताकि स्टैंडर्ड और सुरक्षा को पाया जा सके। कार्यक्रम में अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करन अदाणी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, अदाणी डिफेंस व एयरोस्पेस के निदेशक जीत अदाणी, सीईओ आशीष राजवंशी मौजूद थे।

ये हथियार प्रमुख रूप से बनेंगे

इस परिसर की क्षमता प्रतिवर्ष 150 मिलियन राउंड गोलियों का निर्माण करने की है। यहां रायफल, लाइट मशीन गन (एलएमजी), एके-47 और कार्बाइन की गोलियां बनेंगी। अगले चरण में आर्टिलरी गन, गोला, तोपें और हैंड ग्रेनेड समेत सेना के जवानों के लिए अलग-अलग तरह के अस्त्र-शस्त्र बनाए जाएंगे। अगले पांच साल में 1,500 करोड़ से तीन हजार करोड़ तक का विस्तार होगा।